The immortal   (परीक्षित)
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Joined 4 November 2017


Joined 4 November 2017
23 MAR 2023 AT 22:58

कभी कोई मकां हो राह में ऐसा,
जहाँ रुकने पे ना हो प्रश्न ना पैसा,

ना संग चलने की कोई राहदारी हो,
हमारी उम्र पर ना ऐतबारी हो,

ना हँसने का जहाँ मसला कोई पूछे,
जहाँ रोने दे मनभर आँख ना पोंछे,

जहाँ हाथों में उनका हाथ रहने दे,
जहाँ होंठों पे उनकी बात रहने दे,

कहाँ से आए हो या है कहाँ जाना,
रुकोगे कब तलक या है कभी जाना,

सबब पूछे ना हर छोटी सी बातों का,
गणित ना ले कोई हर दिन का रातों का,

क्या ऐसी है कही दुनिया जहाँ पर बस,
जहाँ हो तुम, जहाँ हो मैं, जहाँ और बस...

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22 MAR 2023 AT 22:24

वो मेरे सामने आता नही है,
मग़र ये सच है वो जाता नही है,

मैं उसके ख़्वाब में आता रहूँगा,
जो मेरे ख़्वाब से जाता नही है,

मुझे क्या फ़िक्र है इस हिज्र में जब,
मेरे बिन वो भी रह पाता नही है।

ना देखो मुड़ के इस रस्ते पे यारों,
ये रस्ता लौट कर आता नही है।

बस इक साँसों का थोड़ा वास्ता है,
मग़र वैसे कोई नाता नही है।

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26 OCT 2022 AT 5:17


मन अबकी हर बार से ज़्यादा टूट रहा है,
शायद मेरा सबकुछ पीछे छूट रहा है,

जो बेसुध गुब्बारा मस्त उड़ा करता था,
वही बुलबुला नाज़ुक बन के फ़ूट रहा है।

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26 OCT 2022 AT 4:18

छुपकर सिसकी लेना मुश्किल हो जाता है,
धीरे धीरे जीना मुश्किल हो जाता है

जितना भी है प्रेम जता दो खुलकर यारो,
आखिर में फिर कहना मुश्किल हो जाता है ।

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6 SEP 2022 AT 19:40

हम दोनों माँ की परछाई,
और घर की परछाई माँ ❤️

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31 AUG 2022 AT 23:17

काल चक्र भी कभी-कभी वो परिस्थिति ले आता है,
निर्विचार कर जाता है और अभिव्यक्ति ले जाता है,

मौन प्रिय सा लगता है, और सन्नाटा देता है चैन,
काल चक्र ही पुनः प्रेम में इक शक्ति दे जाता है ।

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17 JUL 2022 AT 20:15

तुम्हारी देखकर तस्वीर तुमको याद करना,
पसंद मुझको है यूँ इतवार को आबाद करना,

है महफ़िल में तेरी जब तक, है तब तक कि गुज़ारिश
अगर मुँह उस तरफ़ करना तो मेरे बाद करना,

मेरी आँखों में इकटूक देखना, तो देखना जब,
मेरी आँखों के रस्ते हो मुझे बर्बाद करना ।

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8 MAY 2022 AT 20:12

माँ की गोद में सर हो और
सर पर उसका हाथ रहे,
दूर रहे चिंताएं सारी
और खुशहाली साथ रहे ।

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8 APR 2022 AT 16:10

चलो अब धूप को साया करे हम,
कभी ख़्वाबों में मिल जाया करे हम,
मेरा ही रास्ता देखा करो तुम,
तेरे ही वास्ते आया करे हम,
किसी भी बात पर लड़ने लगो तुम,
कोई भी बात समझाया करे हम
मेरी यादों का पौधा घर हो तेरे,
मरे भी तो तुझे छाया करे हम,
मेरी ये उम्र अब जितनी बची है,
आहिस्ता-आहिस्ता ज़ाया करे हम,
लिखे ग़ज़लें तू मुझ पर तंज़ कसके,
उन्ही पर गौर फरमाया करे हम,
मेरे हाथों पे तेरा नाम लिख कर,
तेरे हाथों से मिटवाया करे हम,
ना उम्मीदें ना झगड़ा कोई भी हो,
यूँही जल्दी से सो जाया करे हम,
भरोसा गहरी सी आँखों का करके,
तेरी बातो में आ जाया करे हम।

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7 APR 2022 AT 8:59

ज़रा सी बात पर यूँ रूठ जाना है बड़ा आसां,
ज़रा सी बात पर कोई बात छेड़ो तो ज़रा माने..

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