Tani Bansal   (नज़्म-ए-जिंदगी)
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Joined 7 April 2020


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9 OCT 2023 AT 19:27

ऐ दिल ए नादान, सब्र का इंतहा अब खत्म हुआ
मुरझाएगा ये गुलाब भी जो है अभी खिला हुआ
अब किसकी राह देख कर आंसू बहा रही है जानी
समझ जुर्म करने वाले का ना कभी वापस आना हुआ
अरे ज़ख्म ए जिगर तो जन्मों से होता आ रहा है एक आशिक पर
देख तो हीर रांझा जैसे दीवानों का भी इश्क़ कहां मुक्कमल हुआ।।

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2 OCT 2023 AT 23:22

"हमारे दरमियां"
लड़ाई झगड़े के दौर में,पल भर में फासले आना जायज़ ही था
मगर हमें हमारे प्यार को साबित कर दिखाना ही था।।

लाख कोशिशों से भी कुछ बिगाड़ न सके,जलने व आग लगाने वाले लोग
नेक इरादों से चलने वाले सच्चे रिश्तों को क़दम बढ़ाना ही था।।

महज़ कुछ बुरे लहज़े से ही दिल फटने लगता अक्सर सबका
उसी दौर में हर चुबने वाले लफ्ज़ को चुपचाप सहन करना आता भी था।।

कहती है दुनिया दो दिन का प्यार,सिर्फ समय व्यतीत करने हेतु,फरेबी से रिश्ते ही दिखते
लेकिन हमें तन मन धन से परिपूर्ण उम्रभर साथ निभाना ही था।।

माना,बदल गई होगी सोच,अपना लिया होगा आज की पीढ़ी ने इस काल चक्र को ही सही
लेकिन कसम मेरे रब की
"हमारे दरमियां" कभी भी धोका,बेवफ़ा,जूठ जैसे शब्दों का कोई मोल ना था।।
"ए तानी"
ना तोड़ा है,ना तोड़ पाएगा कलयुग इस पक्की डोर को,जिसका नाम हमेशा से "सच्चा प्यार" ही था।।
@tani

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14 MAY 2023 AT 19:16

कपड़ों की परवाह किए बिना "मां"हमेशा अपना आंचल हमें सौंपा हैं

कभी हाथ तो कभी आंसू तो कभी गंदे चहरे को पोंछा है

कितने ही हल्दी या मिट्टी के निशान छुड़ा कर अपनी साड़ी फीकी की होगी

"मां" जबकि उन दिनों गिने चुने कपड़ों को ही रखे होते देखा है

ताज्जुब होता है कि
आज हम अपने कपड़ों से दूर रखते हैं बच्चों को
और भर रखी है अलमारी कपड़ों से तब भी

उसको साफ रखने के लिए हाथों में रुमाल दे रखा है

तरस आता है तेरी मायूसी और नादानी पर "मां" देख

आज बदल गए हैं हम और सोच जमाना कितना बदल सकता है
मां को सलाम💕

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13 JUL 2022 AT 22:47

कच्ची अक्ल बाली उम्र से ही देखो वो कैसे दिमाग चलाता है
आज का नन्हा सा बालक,मां को पाठ पढ़ाता है

सादा से कपड़े दिलाने,साधारण से बाल कटाने पर
उफ्फो मम्मा करके, गूगल पर style दिखाता है

Pizza burger ऑर्डर कर, मंद मंद मुस्काता है
Online shopping में मदद करके होशियारी दिखाता है

जिस नई तकनीक के चलते हम थोड़ा उलझ भी जाएं तो
बच्चा phone में search करके सब solve कर जाता है

Unknown से बात करने पर हिटलर सा बन जाता है
फिक्र करता है जैसे नबाब,मां का bodyguard बन जाता है😅

आज के "गुरु पर्व" पर,इन नन्हे बालकों को भी "प्रणाम"
जो मां को नए जमाने के अनुसार चलाना सिखाता है
@tanya

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26 JUN 2022 AT 22:42

छोड़ गया वो इस कदर कि
कुछ भी अब रास ना आ रहा😢
लगती थी चाय☕ जो प्यारी
उसमे भी अब स्वाद ना आ रहा😢
एक वक्त था कि अदरक की,
खुशबू से ही चाय की तलब लगती थी😋
लेकिन उदास सी प्रिय "तानी" 😒
तुझे तो देवदास की तरह नशा🍻,
करने में भी अब मज़ा ना आ रहा🤭🤭
@tani

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16 JUN 2022 AT 14:44

"आईना (हमदर्द)"

आधी रात में जितने आंसू बहाए
सुबह उठकर उतना ही मुस्कराए
भनक भी न होने दी किसी को भी
जाने इतनी होशियारी कहां से सीख पाएं?

कमज़ोर दिल की बेरुखी देखें गर गालिब
अपने क्या दूसरों के दुःख में भी आंखे भर लाए
जब हंसने लगी थी ये दुनिया
"तानी"तेरी इस नादानी पर तभी तो
आईना और उसमे दिखा शक्स से ही हर दर्द बांट पाए
@tani

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30 MAY 2022 AT 16:43

कवियत्री का खिताब मिले
❣️ऐसी हो रब की महर❣️

जिस भी महफिल में जाएं
"Meeru"मच जाए कहर
😀😀🤭🤭😊😊🤩

काबिलियत से जानें हर
एक गली हर एक शहर
🤝🙌🛣️🛤️🏘️🛖

लेकिन,ध्यान से🙆🏻‍♀️
चंचल अदाएं,दिलकश अंदाज
सी प्रिय "meeru"😘
उतार लेना खुद की नज़र
🙈🙈👀👀😊☺️
Happy Birthday
🎉🎉🎂🎂🎉🎉

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20 MAY 2022 AT 23:47

कहते हैं लोग,
एक पल में उदास,दूसरे पल में कैसे खुश हो लेती हूं?
क्योंकि मैं छोटी छोटी चीजों में खुशियां ढूंढ जो लेती हूं

एक एक कदम आगे बढ़ाने पर ठोकरें भी मिलती
मगर छोटी छोटी बातों से ही दर्द का मरहम खोज जो लेती हूं

चेहरे से दिलखुस,होंठों की मुस्कराहट बखूबी दिखती है
लेकिन छुप छुप के रोकर ख़ुद ही आंसू पोंछ जो लेती हूं

अपनों के ही कभी आहत करते है शब्द कई,
कभी उन्ही अपनों के लिए,क्रोध का घूंट पी जो लेती हूं

सब कुछ होकर भी कुछ आस जो दिल लगाए बैठता है
ना मिलने पर भी,नज़्म ए जिंदगी बना कर जी जो लेती हूं
कुछ लिख कर कुछ छुपा कर,जिंदगी जी तो लेती हूं
जिंदगी जी तो लेती हूं🤗🤗
Happy Birthday to me😊

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4 MAY 2022 AT 15:54

"जिंदगी की बाहों में"👩‍❤️‍👨
तुम मेरी जिंदगी,ज़िंदगी को बाहों में सुलाऊं क्या?
आ रख मेरी गोद मे सर,प्रेम रूपी गज़ल सुनाऊं क्या?

बढ़ते गिले शिकवे को भूलकर आज एक अरसे बाद
मिलन के बहते आंसू से,दर्द-ए-दिल पर मरहम लगाऊं क्या?

भीगते कशिश की छांव के इस भीगते लम्हे में
कैसे तड़पता पल पल गोशा-ए-दिल,ये ऐहसास दिलाऊं क्या?

छोड़ कर मलाल सारे,फकत इस रूहानी क्षण भर में
हाथों में हाथ लिए,अपने दरमियां दूरी मिटाऊं क्या?

चाहत, मोहब्बत, ख़्वाब मेरा,मेरा गुरूर ए इश्क़ तुम
मदहोश,बैचेन रूह,पूछती, तेरी रूह में समाऊं क्या?

इस संगम में ख्वाहिश है ए सनम🥰
जिंदगी जीने के लिए ,जिंदगी की आगोश में आज
हद से गुजरकर,तेरी बाहों में दुनिया भूल जाऊं क्या?

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2 APR 2022 AT 12:58

कोरोना से मुक्त मेरी माता रानी नव वर्ष पर पधारें
ऐसे शस्त्र अस्त्र लेकर,हर बीमारी से दूर भगावें
जड़ी बूटी रूपी, हिमालय पुत्री शैला देवी 💐
इस नवरात्रे, प्रत्येक के जीवन को सवारें 🙏🏻🙏🏻
@tanya

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