तुम भ्रम, मैं यक़ीं बन जाऊंगा
हो सके हम-नशीं बन जाऊंगा,
तुम बारिश की बूंदे बन जाना
मैं तेरे वास्ते ज़मीं बन जाऊंगा,
तुम बिजली बन कर चमकना
मैं सर्द हवाएं हसीं बन जाऊंगा,
तुम यूंही बरसते रहना गरज के
मैं आह-ए-आतिशीं बन जाऊंगा,
तुम तितली सी बन कर मंडराना
फ़क़त मैं गुल-ज़मीं बन जाऊंगा,
तुम आमिर की हूर परी बन जाना
मैं फ़ौरन ख़ाक-नशीं बन जाऊंगा !!
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