ये मोहब्बत का जाम है,
या ढलती मेरी शाम!
आँखों मे लौट आने की उम्मीद
और होठों पर तेरा नाम।
गर्दिशों में है आज हमारे सितारे,
और दिल मे एक अलग तूफान।
निभाता रहूंगा वफ़ा बस तेरे लिए,
जो है उम्रभर का मेरा काम।
मोहताज नही रहा अब ये दिल
किसी और के मोहब्बत का,
तेरी मौजूदगी ने दिया जबसे,
इस शख्सियत को मुख़्तलिफ़ पहचान।
यादों के संग अब बितानी है ज़िन्दगी
तेरे बिना वक़्त गुज़रना होगा न आसान
तकल्लुफ़ के लिए हमें माफ़ करना
हिचकियों में अक्सर करता रहूंगा परेशान।
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