दिखे मोह अग्नि पे जल के घेरे
साँझ सवेरे जले मन मोरे
हुई पिया से जब तकरार
लागे मोरे मन पर घातक वार
रोम-रोम तब जल जावे
जब-जब पिया नजर फिरावे
देय मन मोरा गिल्ला हज़ार
काहे पिया से करी तकरार
अब भोर हमारी साथ न होवे
हाय! पिया से बात न होवे
वो काटे गन्नी मोसे बार-बार
हाय! पिया से हुई तकरार
अब साँझ पिया के साथ न होवे
नैयनन की मुलाकात ना होवे
अब चले न पकड़ के हाथ ऊँ मोरा
बगियन मा मुलाकात न होरा
जिया जरे,आंसुधारा निकरे
हाय! पिया का मन न पिघरे
जब से पिया से हुई तकरार
मन मोरा रोये जार-जार।
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