QUOTES ON #TAGAFUL

#tagaful quotes

Trending | Latest
24 APR 2020 AT 7:25

तग़ाफुल से फ़ुरसत मिले तो चले आना ,

हम तैयार बैठे हैं आँखों में समन्दर लिए ।।

-


19 MAR 2022 AT 23:11

तंज तगाफुल रंज तौहीन
सहने को सब सह लेंगे हम।

भंवर लपेटे फिरते हैं पैरों में
उसको क्यों संग ले लेंगे हम।

जो उसने एक बार अब पूछा
कहने को सब कह देंगे हम।

उसको अपना दिल खोल दिखाके
फिर खुद से शर्मिन्दा हो लेंगे हम।

उसको ज़माने के मअसले ही बहुत
क्यों अपनी उलझनों में लपेटेंगे हम।— % &चारागरी हमनवाई मसीहाई ऐ हमराज़
पहले तेरी अना को सर कर लेंगें हम।

हाथ छुड़ा जब वो दूर जा चुका होगा
नाम उसका कभी तबियत से पुकारेंगे हम।

होने को हासिल क्या न था जहां में
अब अपने सब्र की इंतेहा देखेंगे हम।

अब्र ए चश्म को पर्दानशीं करके
दश्त औ सहरा फिरते रहेगें हम।

हर्फ ए इश्क लिखने में कलम कांपे मगर
खुद को हर बार इसी अजीयत में डालेंगे हम।

गफलतों का दौर कितना ही तवील हो
लम्हा वो यादगार जब दुआ ए अजल मांगेंगे हम।— % &

-


3 MAY 2020 AT 8:30

बाहर के शोरगुल में
वो यूँ मस्तूल हो जाते हैं
हमें तग़ाफ़ुल कर
वो दूसरों में मशगूल हो जाते हैं

-


7 MAY 2018 AT 12:38

नज़र- ए- तग़ाफ़ुल- ए- यार का घायल हूँ
सहरा में आबशार बहे ऐसा फ़ज़्ल चाहिए

-


18 MAR 2019 AT 10:13

अब तो इस तख़य्युल ने भी पनाह लेली है मेरे मन में
कि तेरी तग़ाफ़ुल हमारे अग़्यार होने की शुरुआत तो नहीं

-


5 DEC 2018 AT 22:35

मुझसे भी अब तगाफ़ुल हो जायेगा प्रिये!
मसरूफ़ियत के चिलमन में मुझे भी छिपना आ गया!

-


3 APR 2021 AT 21:11

अब पता नहीं हम किस से वाबस्ता करे
हर इक साँस फरेबी है क्या उम्मीद-ए-वफ़ा करे
हम आईना हैं हर बार टूट जाया करते है
चाहत है इतनी के कोई हमको समेट लिया करे
तग़ाफ़ुल और नज़ा ही है इस मतलब की दोस्ती में
तो हम भी क्या हक़-ए-दोस्ती अदा करे
हमारी बातें बे-असर ही रहती हैं के जैसे गर्द हो शायद
हम भी क्यों बातें करें वो भी क्यों वक़्त ज़ाया करे
ना मरासिम रखे ना ताल्लुक के सबब भी बाकी हो
मसरूफ रहो कामों में तुम हम न सज़दे ज़ाया करे
ना ख़लिश हो दिल में ना रंज़ीश रहे दरम्यां कोई
मुमकिन है के वक़्त हमको कुछ इस कदर जुदा करे









-


29 JUL 2019 AT 19:52

इल्ज़ाम-ए-तग़ाफ़ुल किसी पर
लगाया ना करो
कि तल्ख़ियाँ यूं ही नहीं आती
किसी के मिज़ाज में

किया करते है गिला
वही लोग कातिब
अक़ीदत होती नहीं जिनके
ज़ोर-ए-परवाज़ में

-


8 OCT 2020 AT 8:55

क़ायनात को तग़ाफ़ुल कर
टिकती है जब निगाहें मुझपर
लगता जन्नत-ए दीदार हो गये
दिल के तुम्हारे बेहद करीब हो गये
-kanchan

-



Jis din tumhe rote dekhu...
Yaah toh wo din naa hoo..
Ya toh meri mot ho jaye..
Because I hate tears..pushpaa..

-