माना कि तेरे हाथ में है डोर जिंदगी की,हे खुदा पर ये क्या!!जिसको दिल किया पास बुला लिया चाँदनी आसमान के चाँद की कम पड़ गयी थी क्या जो ज़मीं की चांदनी को वहाँ में बुला लिया
सच है शाहराह-ए-हयात पर कोई आता है जाता हैं, पर यादों का बवंडर रूह को बहुत सताता है, लम्हा नहीं बितेगा वो जब तुम्हारी गैर मौजूदगी खलेगी नहीं, ज़िन्दगी चलेगी जरूर, पर चलेगी नहीं, . 😭😭
ये खियाबां भी मायूस रहेगा क़यामत तक , और हवा में भी उम्र भर नमी रहेगी, किसी और को मुकम्मल हो जाए भले दौर तेरा, पर तेरे हर दीवाने को तेरी कमी रहेगी, . 😭😭