"एक रात न रह पाएंगे, बिना बातें किए",
क्या खूब बातें सुने हैं हमने,
तुम दुनिया की रुसवाई के नगमों को गाते रहे,
सिर्फ तेरे लफ्ज़ सुने हैं हमने,
आज भी गुनगुनाती है हर धड़कन तेरी धुन,
बंद नम आंखों से सुने हैं हमने,
तू खुश नहीं इसमें दोष तेरे प्यार का नहीं,
तेरे और भी चर्चे सुने हैं हमने,
गलत ज़माना है या गलत तेरा चीजों से भागना,
कई बार फसाने सुने हैं हमने,
हर घड़ी तू गलत नहीं, पर सही भी नहीं,
तेरी आवाज़ में पछतावे के बोल सुने हैं हमने,
आज भी मैं गलत तो गलत ही सही,
मेरे लिए भी क्या खूब किस्से सुने हैं हमने।।
~©देशवासी
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