मेरा ये मानना हैं ईश्वर ने स्त्रियों को मनुष्य की श्रेणी में सर्वोच्च बनाया हैं क्योंकि स्त्री में सारे भाव इतने अच्छे तरह से समाहित हैं कि चाहे आप अतरंग मन को देखें या तन को , हर जगह अपनी एक विशेष सौम्यता, कोमलता, करुणा , ममता , बुद्धिमत्ता , और ऊर्जा का स्रोत हैं उसमे जो भी समाहित होता हैं वो प्रगति और एक नए रूप को या तो धारण कर लेता या जुड़कर निरंतर प्रगति करने लगता हैं
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