हम सब ईश्वर से कुछ न कुछ मांगते है बचपन से बड़े होने के बीच में कहीं से एक वाक्य कान में आ पड़ा जब लोग कलेक्टर डॉक्टर या कोई ऐसा पद लेकर कहते थे की ये बनना तब समझ में नहीं आता था की ये बनने से क्या होगा पर एक सीधी साधारण से बात जरूर बार बार गूंजी की " एक अच्छा इंसान बनना " केवल इस आवाज ने वो सारे पद धूमिल कर दिए , तब से केवल एक यही सोच थी के एक अच्छा इंसान बन जाऊं , पर यह कोई एग्जाम देकर पास होने जैसा नहीं है यह तो हर रोज की तपस्या है इतना आसान नहीं होता है एक अच्छा इंसान बन जाना जहां तमाम दुनिया खड़ी है खराब होते हुए , जहां जरा सा मन ना बना तो लोग राय बदल देते है , पर ये अच्छा इंसान कैसा होता है मैं खुद भी देखना चाहता हूं !
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