एक तू साथ है तो फिर क्या बात है, जब मंज़िल है सामने तो डरने की क्या बात है, तेरे दूर जाने का कोई गम नहीं मुझमें शामिल तेरा एहसास है, मुश्किलों से मैं डरूं क्यों जब मेरा खुदा मेरे साथ है...
दिल मे कुछ नमी सी थी मंदिर जा के आ गए मिली ना तस्सली दिल पे सवाल-ए-हुजूम छा गए खुद से पूछा लोगो से पूछा पर जवाब ना मिला
...अचानक दिल-ए-ख्याल आ गए जब घर मे बैठा हैं खुदा तो क्यों मंदिर में वो छा गए 🤔 मिला कर इसी खुदा से रोज रहमत होगी रखा कर इसी का ख्याल बरकत होगी मन को सूकून मिलेगा ना दिल मे दहशत होगी मान ले इसे ही अपना खुदा इस नेमत ही नेमत होगी।