QUOTES ON #IMANDARI

#imandari quotes

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28 APR 2020 AT 15:57

J͟͟I͟͟M͟͟M͟͟E͟͟D͟͟A͟͟R͟͟I͟͟Y͟͟A͟͟

जिम्मेदारियां bin kahe aayi hai apna pata leke, na jaane kis mood par jane ki aash hai......

Junoon sa rang leke aayi hai yeh जिम्मेदारियां aapna bhoj liyee,
bachpana pigal sa gaya iske saaye mein...

Mehnat ka nasha hai yeh जिम्मेदारियों ka daur, bachpana chinane ki raah hai yeh जिम्मेदारियों ka daur.....

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26 AUG 2020 AT 16:46

कोई हमें ईमानदारी नापने का पैमाना ही बता दे!
लोग आजकल सुबूत मागने लगे हैं!!

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11 MAY 2020 AT 18:41

Dogs🐕

"Dekhna kabhi fursat se inki ankhon me wafadari kya hoti hai ...ye sikhayenge",

Prakruti ki nadan si kalakari hai yeh, inka pyaar aab insaan taul ke batalayenge,

Bezubaan sa janwar hai, dard se gumnaam hai, na maro isee iss mein bhi jeev ka vaas hai,

Kabhi dekho inki aankho mein, pyaar ka nivas hai, kabhi jio unke liye bhi wafadari bemisaal hai...

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14 JUL 2020 AT 18:23

"तेरी हंसी में वो ईमानदारी नही हैं,
जो एक सहमत इंसान में होनी चाहिए..!"
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12 MAY 2021 AT 7:05

एक आदमी,
खुद से,
इमानदार बना।

और
इतिहास की,
पहली कहानी बना।

हरिश्चंद्र...!

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1 MAR AT 21:02

नज़र तो मिलाया करो, हमको अपने दिल की बातें बताया करो।
कभी कहते हो हमसे बहुत प्यार करते हो कभी तो जताया करो।
बात बात पर रूठ जाया करती हो जान मेरी, मान जाया करो।
हमारी नज़रों से दूर जाकर अपने आशिक़ को न सताया करो।

तुमको देखे बिना न मिलता है चैन न अता है इस दिल को करार।
निगाहें तुमको ही ढूँढा करती हैं शाम-ओ-सहर, दिख जाया करो।
तुम्हारे शहर में अब मेरा दिल नहीं लगता है, सब कुछ नीरस है।
जब कभी निकला करूँ घूमने को तुम बस मेरे साथ में जाया करो।

तुम तो जानती हो तुम्हारे बिना कहीं भी जाना मुझे गवारा नहीं।
कहीं के लिए भी निकलूँ मैं, तुम बस मेरे एहसास में आया करो।
ख़्वाब में भी आती हो तो आजकल गुमसुम और उदास रहती हो।
सुनो! जान जो कुछ भी होता हैं दिन भर तुम मुझे बताया करो।

तुम्हें तो पता है मैं हरदम दिल की सुनता हूँ और वहीं कहता हूँ।
कुछ भी कहूँ दिल से मान जाया करो, न दिमाग लगाया करो।
कि इक बस तुम्हारे लिए कितना अधूरा है तुम्हारा ये "अभि"।
जब भी तुम्हारे बिना बेचैन हो जाऊँ न, ख़्वाब में आ जाया करो।

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27 FEB AT 17:15

इंसान ही इंसान से अब ईर्ष्या करने लगा है।
भलाई का ज़माना गया, वो छलने लगा है।
अब माचिस की आवश्यकता नहीं पड़ती,
एक दूसरे से हर कोई यूँही जलने लगा है।
अपनी बातें सबको प्यारी लगती हैं अक्सर।
दूसरों की अच्छी बात से बिदकने लगा है।
खुलेआम पाप किया जा रहा है समाज में।
एक आम आदमी समाज से डरने लगा है।
सफलता की अंधी दौड़ में भाग रहे हैं सब।
अपने उसूलों का इंसान कत्ल करने लगा है।
रूहानी इश्क़ मानो किताबी बातें हो गई है।
आशिक़ अब केवल जिस्म पर मरने लगा है।
सनम मिल जाए तो उससे अच्छा कोई नहीं।
जो न मिले तो उसकी धज्जियाँ उड़ाने लगा है।
एक दौर था जब तेरे चारों ओर थी रंगीनियाँ।
एक अरसा हुआ तू अब तन्हा रहने लगा है।
तुझे देखकर के बड़ा तरस आता है "अभि"।
पहले खिलखिलाता था अब बुझा रहने लगा है।

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ईमानदारी से कमाई करने वालों के
शोक भले ही पुरे न हो पर नींद
जरूर पुरी होती हैं !!!!

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17 JAN 2020 AT 12:43

मिली ज़िन्दगी जिम्मेदारी रहे
न पलभर को भी बेज़ारी रहे।

इबादत की तो यही की दुआ
जिसमें वफ़ा उनसे यारी रहे।

है झूठ का बोलबाला तो क्या
क़ायम हमेशा ईमानदारी रहे।

सारी दुनिया हो बेवफा चाहे
मेरी फितरत में वफादारी रहे।

इंसानियत दुनिया में हो बड़ी
मेरी तेरी नहीं ये हमारी रहे।

नफ़रत के नाम ओ निशाँ को
मिटाने की ये लड़ाई जारी रहे।

मोहब्बत का परचम लहराये
सलामत रहे दुनिया प्यारी रहे।













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