ख़ुद पर यक़ीन रखना, सफ़र-ए-ज़िंदगी में आगे बढ़ते रहना।
चाहे कुछ भी हो जाए जीवन के खेल में तुम बस चलते रहना।
कोई भी इंसान बुरा नहीं होता हैं, वो वक़्त सही नहीं होता हैं।
अपने मेहनत के दम पर तुम अपना बुरा वक़्त बदलते रहना।
सब कुछ अच्छा है और सब कुछ जल्द ही अच्छा हो जाएगा।
तुम अपने मन में सकारात्मक भाव रखकर के ये सोचते रहना।
उम्र बस एक संख्या है, कोई 60 में 30 तो कोई 30 में 60।
तुम अपने हर अच्छे और बुरे अनुभवों को संजोकर के रहना।
बस सोचने से पूरा नहीं होगा कोई भी सपना और कोई लक्ष्य।
बस तुम गिरते संभलते हुए अपने लक्ष्य की और चलते रहना।
कोई आएगा और हाथ पकड़कर तुम्हें लक्ष्य तक पहुँचाएगा।
कभी भी ऐसा सोचने की भूल मत करना, आत्मनिर्भर रहना।
हाँ, ये सच है कि सफल हो जाने के बाद लोग आएँगे "अभि"।
उस सुनहरे पल को हर पल मेहनत की आग में जलते रहना।
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