हमें वजह उदासी चाहिए थी, मगर अच्छी से अच्छी चाहिए थी कि जैसे वक़्त निकला जा रहा हो, हमें हर चीज़ जल्दी चाहिए थी वो दरवाजे पर दस्तक दे रहा था उसे आवाज देनी चाहिए थी, मेरी कोई बात तुमको लग गई है अच्छी बात है लगनी चाहिए थी.....
खामोश अंधेरे में कभी आवाज दबाना मत सूरज की रोशनी में आवाज उठाना और सबक उन सभी को सिखाना जो कम समझे तुम्हे बस उसी सूरज की रौशनी में अहंकार उनका तुम जलाना।