Adding more lines to Arpita's shayari
तेरे साए में रहकर मेरा अक्स भी पल रहा है,
तूने मोड़ दी गर नजर तो मै किधर जाऊंगी ।
चांद की मौजूदगी जो निखार देती है तारों को,
तेरे साथ रहते कुछ मै भी निखर जाऊंगी ।
नाम तेरा लेकर वो पुकार लें तो अच्छा हो,
मै जमाने में जिधर जाऊंगी ।
हुस्न वालों को ही आइना संवारा करता है,
देख कर चेहरा तेरा मै यूं संवर जाऊंगी ।
टूट कर तारे भी आसमां से हो जाते हैं ओझल,
छोड़ा गर साथ मेरा, मै भी ना घर जाऊंगी ।
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