Sweta Poetry   ($w€t@ P@l)
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Joined 10 February 2019


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Joined 10 February 2019
14 DEC 2022 AT 22:02

तुम्हारा नजरिया ही कमाल का था,
वर्ना इतनी खूबियां तो मुझमें नहीं।

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6 DEC 2022 AT 9:58

यूं परेशानियों की कशमकश बढ़ती रही,
हम उलझते रहे और जिंदगी चलती रही।

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20 NOV 2022 AT 12:36

बात यूं ही भी तो खत्म हो जाती है,
जब उनके अल्फाज मेरे लिए न हो।

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8 NOV 2022 AT 19:13

तुम कभी वक्त लेकर आना,
हम सुकून लेकर आएंगे।
फिर ख्यालों की दुनियां में,
अपने ख्वाबों को सजाएंगे।

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7 NOV 2022 AT 20:51

एक सुकून सा मिल जाता है,
जब तू मेरे ख्यालों में आता है।
ये इश्क विश्क तो आम बात है,
दिल तो बेवजह ही मुस्कुराता है।

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4 NOV 2022 AT 21:46

अब सब कुछ अपने चाहनें से कहां होता है?
जितना नसीब में लिखा हो, वही अदा होता है।

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31 OCT 2022 AT 22:34

कब तक छुपाएं आंसु, इस जमाने से,
अब तो आ जाओ किसी बहाने से ।

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23 OCT 2022 AT 10:29

तू कभी पूछ मुझसे, सफर या मंजिल का शौक़?
मैं तेरा हाथ पकड़कर उम्र भर का साथ मांग लूं।

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20 OCT 2022 AT 12:24

तुम एक उम्र लेकर आना,
मुझे बातें बेहिसाब करना है।
लोग इश्क के लिए मिलते हैं,
मुझे तुमसे मिलकर लड़ना है।

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16 OCT 2022 AT 22:37

तुम जुल्फों में उलझों बेफिक्र होकर,
यहां जिस्मानी आशिक तो आम है।

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