यहाँ-वहाँ ना उलझें वो, बिन बोले जो समझे वो, बादलों के घेरे हो, चिड़ियों के रेन बसेरे हो, मानो जैसे हवा ने हाथ जकड़ा हो, बस मैने भी उनको पकड़ा हो आरजू है बड़ी सीने में, एक ख्वाइश है उनके साथ जीने में।
कोई कुछ भी समझे,सफाई ना दो हर एक को सच्चाई की,ये दुनियां उतनी भी अच्छी नही जो तारीफ करे हर किसी की अच्छाई की, गर वक्त अच्छा है तो सब सही होगा बस इसे माना मैंने,शांत रहने में भलाई है ये तुमसे मिलकर जाना मैंने।