swapnil tiwari  
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Joined 13 November 2020


Joined 13 November 2020
29 MAY 2022 AT 8:17

जब तुम आंखों में सुरमा,और माथे पे छोटी बिंदी लगाती हो,
तो तुम खुबसूरती की नई परिभाषा लिख देती हो।

और बालों में हाथ फेर के मुस्कुरा के देखती हो,
तो अपने हुस्न के दरिया में डूबा देती हो।

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3 MAY 2022 AT 23:44

मिलना झूलना कम कर दिया हु सबसे
लोगो से छोड़ , ऐ कलम आशिकी करने चला हु तुझसे,
खुद को जानने के खातिर जंग कर बैठा हु अपनेआप से
चल पड़ा हु ऊंचाई नापने अब इस आसमान से,
जो सोचते हैं की हार मान गया हु जवाने से
इतना कहना चाहता हु की बहुत आगे निकल चुका हु तुम्हारी इस सोच से।

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1 MAY 2022 AT 16:39

।।जिन्हे थक के नींद आ गई रास्तों पे।।

जो दूसरो की थाली को सजा के खुद खाते खेत के मचानों पे,
दूसरो के सर पर छत खड़ी करके खुद सोते हैं उम्मीदों के बिस्तर पे,
दूसरो के लिए रास्ते बना के खुद चलते हैं कठिनाईयों के काटो पे,
ऐसे मजदूर भाई होते जो खुद के सपनो का त्याग करके
दूसरे के सपनो को पहुंचा देते है आसमान की ऊंचाई पे।







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13 MAR 2022 AT 20:43

जनाब लडके ऐसे ही होते है

मां की आंखो के तारे होते है,

गमों के बोझ को झेल के भी नही रोते है,।

खुद की चिंता किए बिना परिवार के आंसू पोछते है

अपनी खुशियों को ताक पे रख के दूसरो के खुशियों के लिए जीते हैं,

जिमेदारियो के बीच घिरे होने के बावजूद भी चेहरे से मुस्कुराते होते है,


बड़ी आसानी से लोग उंगली उठा देते है,

फिर भी ये दिल से गले लगा के गीले सिकवे भुला देते है,

और जब इनके साथ निभाने की बात आती है तो लोग हाथ खड़े कर देते है,। जनाब लडके ऐसे ही होते हैं।

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10 JAN 2022 AT 19:44



नए साल की पहली सुबह


।।कुछ ऐसा रहा मेरा पहला सवेरा।।

आंखे खुली एक उत्साह से
जिसने सवेरा को देखा एक नए उमंग की चाह से,
मंजिल पाने का सुरूर देखा
सपनो का गुरुर देखा,
सफलता पाने का हुजूम देखा
आने वाले दिनों का सुकून देखा,
चल पड़े है कदम अब तरक्की की राह में
आंखो ने इस छौंक को देखा मंजिल की चाह में।

।।कुछ ऐसा रहा मेरा पहला सवेरा।।


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13 FEB 2021 AT 2:04

तुम कहती हो कि मैं तुमको समझता नही
अगर नही समझता तो , हमेशा मनाने तुमको आता नही।

तुम कहती हो कि तुम लड़ते बहुत हो,
मैं कहता हूं लड़ाई उन्ही से होती हैं जिनसे उम्मीदें और लगाओ बहुत हो।

तुम कहती हो कि अलग रास्तो पे चलते हैं
पर हमारे रास्ते तो एक ही मंजिल पे मिलते हैं।

तुम कहती हो प्यार करते नही
अगर प्यार नही करता तो आधी रात को कविता लिखता नही।
और तम्हारी मुश्कान की दुआ रब से हमेशा मांगता नही

Will you be my valentine forever
ये कभी पूछता नही ।।

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11 JAN 2021 AT 2:37

तेरी मुस्कान जैसे ,
Company law के case study
तम्हारी आवाज़ जैसे
Lord ऑफ house का judgement
तम्हारे जुल्फों की नये highlights जैसे,
Tax में नया ammendment
Jigl के case law जैसे
तुममें मैं बसना चाहता हु।
Special resolution pass करके
तमको अपने बहो में लेना चाहता हु।
Icsi का cs बनने के साथ साथ
तम्हारे दिल के balancesheet की एंट्री लेना चाहता हु।।
मैं तमको अपना बनाना चाहता हु।

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29 DEC 2020 AT 0:34

ठंड क्या होती है।

ठंड सिर्फ सर्द मौसम नही होती है
माँ के आँचल की सुकून ठंड होती है,
पिता की आंखों की गौरवान्वित ठंड होती हैं
अपनो के साथ बिताए हुए पल ठंड होती है।

गले से लिपट के जो ज्वाला उत्पन हो वो ठंड होती है,
और दिलो की चाहत जब पूरी हो जाये तो वो ठंड होती है।।



नोट:- यहां ठंड का अर्थ है - सुकून, दिल की शांति , मानस की शान्ति।


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15 NOV 2020 AT 3:41

सुनो , तुमसे कुछ इज़हार है
मुझे तेरे संग चलना है,
और इश्क़ , मोहब्बत के अल्फाज़ो को समझना है
क्यों कि मुझे अब तुम्हारा बन के रहना है।।

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13 NOV 2020 AT 13:21

परिवार बिना दीवाली जैसे
दोस्तो बिना गाली,
क्या करे हम भी मजबूर है
क्यों कि दिवाली नज़दीक है
और हम घर से दूर है।
क्या करे हम मजबूर हैं।

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