तुझे ना चाहते तो मर जाते , ना जाने मर के किधर जाते
तुझे से मिलना भी नया जनम सा लगा मुझको , तेरे चेहरे से कुछ अपना पन सा लगा मुझको।
तेरी बातो में कुछ मेरी बात हुयी हो जैसे ,मुझे अपने ही दर्द से मुलाकात हुयी हो जैसे
तुझे ना मिले होते तो कैसे संभल पते - तुझे ना चाहते तो मर जाते .
जिंदगी फिर से अब अपनी सी लगती है i, जख्मो पे अब एक नयी परत सी लगती है
दिया है जनम हमने मिल के एक उम्मीद को , तेरे होने से ही अब परवरिश सी लगती है
यु तो जहाँ में हजारो लोग मिलते है पर तुझे मिलते ही रूह कुछ अलग सी लगती है।
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