रात के अँधेरे को जैसे दूर चाँद है करता,
वैसे ही जीबन के अंधकार में उजाला गुरु है भरता,
लाखो तारो में भी आसमान में अकेला चाँद है चमकता,
वैसे ही जग में महान गुरु का कद है होता |
सागर का पानी जैसे असीम है होता,
वैसे ही गुरु ज्ञान का सागर है होता,
पुरे संसार को ज्ञान का अमृत है देता,
चाहकर भी कोई वो मोल चुका ना पाता |
सूरज से भी ज्यादा जिनका तेज है होता,
पर चाँद से ज्यादा जो शीतल है होता,
सागर की लहरों की तरह जो हर पाप है धोता,
साख्यात भगबान का रूप वो गुरु है होता |
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