"सहमा सा दिल मेरा
बहुत कुछ कहता है
तुम सुन सकते हो क्या,
याद आ रही है तुम्हारी
मिल सकते हो क्या,
हाँ अब साथ नहीं हम
पर एक मुलाकात कर सकते हो क्या,
दिल रूठा है तुमसे पर इसमें
तड़प भी है तुम्हारी
तुम समझ सकते हो क्या,
बेचैन हो जाते हैं तेरी यादों
में खो कर
तुम इन्हें मिटा सकते हो क्या,
तुम्हे जो मै भूल जाऊ
इसकी दवा बता सकते हो क्या,
सहमे दिल को मेरे
सुकून दे सकते हो क्या !"
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