Srijani Chakraborty  
62 Followers · 24 Following

Srijani:Creator..
An Imposed Creator!
Joined 9 March 2018


Srijani:Creator..
An Imposed Creator!
Joined 9 March 2018
15 JUN 2020 AT 23:43

जब अपने ख्वाहिशों को अपने मुट्ठी से दूर होते हुए देख पाता है, तो हिम्मतदार है तू !
जब अपनों को अपने से दूर होते हुए देख पाता है, तो हिम्मतदार है तू !
जब अँधेरे की घुटन में तुझे अपने सास की गूँज सुनाई दे, तो हिम्मतदार है तू !
जब घड़ी की सुई तेरे धड़कन से संघर्ष करने लगे, तो हिम्मतदार है तू !
जब तेरी अनकही भावनाएं आँसुओं में बहने लगे, तो हिम्मतदार है तू !
जब अपने सपनों की पतंग को कटते हुए देख पाता है, तो हिम्मतदार है तू !
जब तेरी कुछ अनसुनी कहानियाँ तुझे खलने लगे, तो हिम्मतदार है तू !
जब अपने विश्वास के किरण को धुंदलाते हुए देख पाता है, तो हिम्मतदार है तू !
जब तुझे फरिश्तों की भी पुकार सुनाई देने लगे, तो हिम्मतदार है तू !
जब ज़िन्दगी खोने के डर से तुझे झिझक ना हो, तो हिम्मतदार है तू !
जब इतना कुछ महसूस करने के बाद भी जी रहा है तू, तो हिम्मतदार है तू !
इसलिए मौत से भेंट करने से पहले, रुक जा,
रुक जा !
क्योंकि...
हिम्मतदार है तू !



-


21 NOV 2019 AT 20:40


जब खुद की ही खुशियों से हम मुँह फेर ले
तो दूसरे से खुशियों का इंतज़ार क्यों करें?

जब अपने ही आँगन की खुशियों का पहचान न हो
तो दूसरे के दिये हुए खुशियों को कैसे पहचाने?

-


11 AUG 2019 AT 18:30

मैंने दिल को कहा,
" वक़्त तो किसी के लिए नहीं रुकता,
तू रुक के दिखा,
मुझे ये समझा के दिखा,
की ज़िन्दगी धड़कन के बिना कितनी अधूरी है,
की खुद का अस्तित्व होना कितना ज़रुरी है,


अगर मैं समझ गया तो इसमे तेरी जीत है,
और अगर मैं नहीं समझा तो इसमे मेरी हार है "

-


31 MAR 2019 AT 1:06

Those broiling eyes that used to stare at me with angst,
appear so pristine to me now..
Those charred lips that used to blurt out my flaws,
appear so flushed as it
smiles at me now.
Those detestable hands that
used to bruise me,
appear so calm and harmless now..
Your persona never comforted me
as your potraits do now.
Never felt so liberated with you,
As I do with my paintbrush now..
the virtue of which grants me
the liberty
to love every shade of you,
which made me realise,
My love was never yours,
It was with me,
In me,
Within my thoughts of you!

-


19 NOV 2018 AT 21:22

माफी माँगते है ये कहने पे
'मर्द हो, सख्त बनो'
माफी माँगते है ये कहने पे
'मर्द है,समझ जाएगा'
माफी माँगते है ये कहने पे
'मर्द बन गया है,पैसा कमायेगा'
माफी माँगते है ये कहने पे
'मर्द है,घर पर खर्चा करेगा'
माफी माँगते है ये कहने पे
'मर्द है,अपना ख्याल खुद कैसे रखेगा'
माफी माँगते है ये कहने पे
'अपने बेटे को मर्द बनाओ'
माफी माँगते है ये कहने पे
'मर्द रोते नहीं'
माफी माँगते है की हमारी आज़ादी की तलाश मैं
कही आपकी आज़ादी खो रही है!

-


11 OCT 2018 AT 12:21

एक ज़िंदगी में कितने सारे पल होते है,
काश हर पल में एक नई ज़िंदगी हो..
एक अलफ़ाज़ के कितने जज़्बात होते है,
काश हर जज़्बात के कुछ अलफ़ाज़ हो..
जब सब रिश्तों की एक पहचान होती है,
काश हर रिश्ते में सबकी एक पहचान हो..
जब हर दोस्त में अपनी एक छवि दिखे,
काश अपनी हर छवि में एक दोस्त दिखे..
जब ज़िंदगी के कुछ पन्ने किस्मत ने लिखी है,
काश कुछ पन्नों में हमारी कलम की स्याही हो..

-


11 JUL 2018 AT 1:42

दो लड़की दुल्हन बनके जब
परिवार में एक सा प्यार लेके आती है,
तो सांवली या गोरी होने से अंतर क्या?
जब गर्भवती होने की खुशी और आनंद हो एक सा
तो लड़का या लड़की होने का तनाव क्या?
जब दो बच्चे एक साथ खेलते हुए मुहल्ले को
किलकारी से भर देते है,
तो धर्म के नाम पे दोनो को अलग रखने का परिणाम क्या?
जब दोनो के द्वार पे रंगो￰￰ली का रंग निखरे एक सा,
तो विधवा और सुहागन के हाथो में फर्क क्या?
जब माता पिता का प्यार और आशीर्वाद हो एक सा,
तो दो बेटों के बीच सम्पत्ति पे विवाद क्या?
जब घर की चमक और शान्ति रहे एक सा,
तो गृहस्ती के लिंग का परिभाषा क्या?
सब दुख और दर्द हो एक सा,
तो शोक में जात और जाति का अंतर क्या?
यह कैसी अंतर है जो इंसान को इंसानियत से दूर रखे..
अरे यह कैसी अंतर है जो
सही या गलत में फर्क ना बता सके ?

-


23 JUN 2018 AT 9:34

There is so much to say,
so much to witness..
so much to feel..
the agony, the grief,
the ecstasy,the love,
the disappointment.
So much to do for each other,
so much to aspire for each other,
but somewhere these emotions and benevolence
slams into the bubble and retreats its path.
Are these emotions not genuine enough to burst it ?
Or how thick is the bubble we are living in?..
where we live just some feets apart,
but inhale a totally different air,
an air of defiance?
an air of solitude?
or an air of hostility?
When was the last time we claimed
'It's our world'..
not 'My world'?

-


16 JUN 2018 AT 17:07


'The Envelope of Confidence'
(Read in Caption)

-


9 JUN 2018 AT 11:53

ज़िंदगी की यही रीत है..
सूरज की तरह चमकोगे
तो प्रेक्षक की आँखों में
जलन होगी..
प्रकाशित तुम करोगे
परन्तु
वाह वाही चाँद की होगी !

-


Fetching Srijani Chakraborty Quotes