पूरे जहां में कुछ तो कमी है..
तेरे बिना ये सादा क्यूँ लगता है?
मुझसे मिलने वाला हर एक शख़्स..
तेरी याद दिलाने पर आमादा क्यूँ लगता है?
तेरा मिलना.. मिलते रहना.. मिल जाना..
तेरा भूला हुआ वादा क्यूँ लगता है?
ख़ामोशी मैंने बेच दी है तुझे अब तो..
फिर भी मेरे पास सन्नाटा इतना ज़ादा क्यूँ लगता है?
जाएं जहां भी जहां में.. लौटेंगे वहीं पर..
ख़ुदग़र्ज़ इतना हमारा इरादा क्यूँ लगता है?
क्यूँ लगता है!
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