सब कुछ काफी उलझ गया था उसकी जिंदगी में, उसे या तो परिवार को चुनना था या फिर Job के लिए बाहर जाना पड़ता (Work From Home उसकी कंपनी ने खत्म कर दिया था ।) वो कुछ भी समझ नही पा रहा था की क्या करे क्योंकि उसके गांव में रोजगार का कोई साधन नहीं था और शहर वो जाना नही चाहता था । आखिर में उसने एक शब्द कहा "एक दिन मैं वापस जरूर आऊंगा और वो भी हमेशा के लिए" और शहर जाने वाली बस में बैठ गया ।
तेरी यादों के सहारे भटकते हैं हम मारे - मारे शहर - शहर, गांव - गांव यादों में बसाए तेरी आंचल की छांव मिले तू तो तुझको बताऊंगा अब जीवन में हर -पल तुझको ही चाहूंगा
एक छोटी हार के लिए कब तक पछताओगे कोरे खयालों से दिल को कब तक दुखाओगे हारना एक पड़ाव है कोई जीवन सार नही जो तुम थोड़ा हिम्मत कर दिखाओगे मंज़िल को खुद के पैरों तले ही पाओगे