Shruti Dhar   (Nightbloomer)
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I forgive but never forget
Joined 8 February 2023


I forgive but never forget
Joined 8 February 2023
14 HOURS AGO

तेरे दिल में सिर्फ मेरा नाम चाहता था
गलती मेरी थी मै तुझे किसी के साथ बाटना नही चाहता था
आखिर कार तुम जो मेरी जान जो बन गई थी
तेरे बिन एक पल भी मैं रहना नही चाहता था

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4 MAY AT 13:38

समय के साथ एक जमाना गुज़र गया
किमती चीज़ पाने के चक्कर में जो था ओ भी खो गया
संभालता हुँ खुद ही और समझाता हुँ खुद को
जो किस्मत में लिखा था ओ होना था हो गया

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3 MAY AT 21:26

ये खोना पाना लगा रहेगा
यहाँ आना जाना लगा रहेगा
ये खंडर को महल बनाने के प्रक्रिया में हुँ
मेरा कोशिश करना लगा रहेगा

कुछ अपने थे पराये हो गये
ये सफर हैं लोगों का बदलना लगा रहेगा
मेरा घर हैं रेगिस्तानो का गाँव
पानी कि कमी और प्यासो का लाईन लगा रहेगा

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2 MAY AT 23:14

सबकी अपनी कहानी सबके अंदर अपने जज्बात हैं
ये ज़िंदगी एक रंगमंच जब तक साँसे तब तक साथ हैं
उगते सूरज ढलते दिन पढ़ाते नये पाठ है
कभी खुशी कभी उदासी हर दिन को बनाते खास हैं

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1 MAY AT 19:52

कभी कभी सोचता हु क्या जमाना आ रहा
स्वार्थी बन गये लोग इंसानीयत से भरोसा उठता जा रहा
बड़ों का आदर हमारे संस्कार थे अब उच्चे आवाज़ में उनपे हि चिल्ला रहा
पैसा हैं तो ईज्जत हैं वरना समाज गरीबों को पैर कि जुत्ति बता रहा

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30 APR AT 17:17

तेरे रूह से प्यार पर तेरे किरदार से नहीं
हिम्मत तो बहोत थी पर सारी बाते कहीं नहीं
ओ एक दिन जब तेरे चेहरे पे साफ साफ पढ़ा था
कि तेरा प्यार मेरे लिए अब रही नहीं

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29 APR AT 20:52

पता हैं तो ठीक हैं वरना बताना नही चाहूंगा
फिर से दुबारा प्यार करके तुम्हे दिखाना नही चाहूंगा
एक तुम ही थी जिसके हँसने रोने से फर्क पड़ता था
अब तेरे जगह किसी और को उस तरह बिठाना नही चाहूंगा

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28 APR AT 17:44

ना चाहते हुए भी अभी हमे बिछड़ना होगा
अब अधूरी कहानी के साथ जीना होगा
वादा करो हम मिलेंगे अगले जनम
तब हाथ पकड़ जीवन भर चलना होगा

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27 APR AT 23:25

बेटिया बोझ नहीं बेटिया वरदान हैं
जिनके घर भी आती हैं उनकी बढ़ती सान हैं
लक्ष्मी का स्वरूप लेकर जिसके घर ओ जाती हैं
उस घर के संस्कारो का स्तर असमा से उपर हो जाती हैं

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26 APR AT 22:28

मुझे विदा करो हँसके विदा करो मेरे यारा
मेरे चेहरे कि ओ नूर थे तुम जो दिखेगा न दुबारा
दिल गदगद हैं आशुओ का समंदर हैं मेरे अंदर
क्युकी मुझे पता हैं ये रास्ते कभी मिलेंगे न दुबारा

मुझे विदा करो हँसके विदा करो मेरे यारा

आखरी कुछ पल बचे हैं आखरी कुछ सासे हैं
आखरी कुछ धड़कन पर सिर्फ नाम लिखा हैं तुम्हारा
जो पल गुज़ारे साथ किमती थे मुझपे अहसान रहेगा तुम्हारा
अजनवी कि तरह मिले थे अजनवि बनना पड़ रहा दुबारा

मुझे विदा करो हँसके विदा करो मेरे यारा

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