जिसका मुझे इंतजार था वो आने को है , खुशियों से भरी ताज़गी अब छाने को है ।। हां आसमां से मोती अब गिरने को है वही बारिशों का मौसम बस मेरे मन को भिगाने को है।।
अपना सब कुछ हार जाने के बाद भी मैंने तुम्हारे दिए हुए गुलाबों को जिंदा रखा इनमें सांसे भरी ताकि अगर कभी मेरे पास सब कुछ होने का गुरुर आए तो एक रोज ये गुलाब बिखर बिखर ये गवाही दे मेरे सब कुछ हार जानें का।।