शिवांशी 🕉️   (मेरा सुकून)
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Joined 26 July 2018


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Joined 26 July 2018
22 NOV 2021 AT 1:24

और जब... जनाज़ा उठने लगता है
मुर्दा को मोहब्बत करने वाले दिखने लगते हैं

कतारें लगने लगती हैं उनकी
जिन्हें खबर लिए बरसों बीत गए हो
भूल गए हो नाम पता तक भी जो

जिंदा से मिलने का वक्त ना था जिनके पास
मुर्दा को दुहाई देने लगते हैं वो... वफ़ा की

और इस तरह
कुछ लम्हों के लिए ही सही

इंसान के मरते ही
उसे प्यार करने वाले
पैदा हो जाते हैं...!!

-


22 NOV 2021 AT 0:47

सूनी पत्थराई आँखों से
बेहतर होती है वो आँखें
जो रो देती है

ठीक
उसी
तरह

जैसे
खामोश लोगों से
बेहतर होते हैं वो लोग
जो चिल्ला देते हैं

दबी हुई भावनाएँ
अंदर बहुत शोर करती है...!!

-


22 NOV 2021 AT 0:21

कुछ इस तरह हम खुद से बिछड़ते चले गए
जो मिला उसके रंग में रंगते चले गए
जब खो दिया खुद को पूरी तरह
टूटकर बिखरने लगे
जो कहते थे कि किस्मत हो तुम हमारी
वही हमें पागल समझ दरकिनार करने लगे

-


21 NOV 2021 AT 23:46

जिंदगी में ऐसी कितनी रातें आती हैं
जब जी चाहता है
की ये आँखे बंद हो
और बंद ही रह जाए
सवेरे की रोशनी कभी देखें ही नहीं
इस रात की सुबह कभी हो ही नहीं
मगर किसी कोने में
जगी रहती है एक उम्मीद
उम्मीद... खुद से
खुद को पाने की
खुद को जीतने की
खुद को चाहने की
उम्मीद उस सवेरे की
जब जिंदगी जिंदगी लगेगी
मौत नहीं

-


30 APR 2021 AT 18:44

इंसान के मरते ही

उसे प्यार करने वाले

पैदा हो जाते हैं...

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9 APR 2021 AT 23:09

जो कह नहीं सके आजतक किसी से
जो बयाँ हुए बिना ही रह गया
कह दो इस खुले आसमाँ से
ये सब सुनता है...

जो आँसू बहने से रुक गए हमेशा
जो गला रुंधा ही रह गया
रो लो इसके साथ मिलकर
इसकी बारिश में आँसू धुल जाते हैं ...

जो हँसी दबी रह गयी अंदर
जो मुस्कान फीकी पड़ गयी अब
मुस्कराओ ज़रा इसकी तरफ देखकर
ये भी मुस्कुराता नज़र आता है...

जो गुजर चुके हैं दिन
जो बीत चुके हैं पल
उड़ा दो हवा में उन्हें
सब जाकर इसमे मिल जाता है...

जो पल है ये अब
जी लो इसे जी भर
एक पल गुजर गया तो
फिर ना दुबारा आता है....
- 09/04/2021
- 1:29 pm

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2 APR 2021 AT 18:17

जो जलते हैं हमसे

उनसे इश्क़ करने में
मजा ही कुछ और है

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27 MAR 2021 AT 7:26

दर्द को इतना भाव मत दो कि दर्द सिर पर चढ़ जाए

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9 FEB 2021 AT 19:57

मैं उम्मीद हूँ उनकी
जिन्हें नाउम्मीदी ने घेरा है...

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18 JAN 2021 AT 21:59

दुख
हमारा हमसे परिचय कराने आते हैं
हमें तोड़ने नहीं

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