Shirin Shaikh  
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Joined 18 September 2021


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Joined 18 September 2021
30 JAN 2022 AT 18:04

जब भरोसा टूटता हैं तो ,
बीत रहे खुशनुमा पलों पर ,
यकीनन भरोसा नहीं होता ।

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24 OCT 2021 AT 23:55

सादगी जिंदगी की

यह दुनियां के चकाचौंध दिखावे नहीं ,हा मगर;
घरों में खिलखिलाती हुईं हसी पसंद हैं।
आज पास में लाखों नहीं, हा मगर;
अपनी महेनत से कमाए १०० रूपये पर भी घमंड है।
Starbucks coffee की आस नहीं ,हा मगर;
नुक्कड़ कि कड़ाकेदार चाय बहुत पसंद है।
महंगा mobile तो नही ,हा मगर;
ख़ुद की कमाई का पुराना cellphone पसंद हैं।
Diomand ring कि खाव्हिश नहीं ,हा मगर ;
बरेली वाले बड़े झुमके बहुत पसंद हैं।
खुदकी दो पहिया नहीं, हां मगर;
बस में मिले Aunty की मां सी मिठी बातें ,
और उस बस कि window seat पसंद हैं।
यह ना समझो , कि यह जिंदगी समझौते की है,
मुझे सादगी से भरी जिंदगी बिताना पसंद हैं।
- Shirin shaikh


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23 OCT 2021 AT 14:13

मेरा चिकू🦜

छोटी सी चोच उसकी, छोटे छोटे पांव,
पर छोटी सी आंखों में बहुत सारे भाव।
कभी देखो उसकी आंखों में तो झलके प्यार उसमे भी।
समझता था उसको सब बिन बोले; बिन कहे भी।
छोटी सी थी उसकी जान ,
मगर उसके जाने से ,सुनी हो गई घर की शान।
बहोत लड़ाकू था मेरा चिकु,
मेरी बहेन और बिल्लियों से लड़ने में ।
पर जाने कैसे हार गया जिंदगी से जीत ने में।
पिंजरे कि तरह कैद हो गई जिंदगी उसी की यादों में
जो हाथो में खेला मेरे ,उसी हाथो में हो गया पत्थर सा।
पापा कहे मत रो बेटा, कहे ला दूंगा तुझे दूसरा तोता।
अब कैसे किसे समझाऊ , कि मेरा चिकू कुछ खास था
- Shirin shaikh

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24 SEP 2021 AT 16:32

बारिश से है मोहब्बत,
कुछ किरदार भी बारिश जैसा।
सबको पसंद आ जाए,
ये बूंदों का तो मिज़ाज नहीं।
पर जो चाहें इनको बेकरार ,
वोह बेसब्री से करें इंतज़ार।
जब चाहूं तुमको खुद से ज्यादा,
बरस पढ़ूं इन बूंदों जैसा।
जब दुखाओ दिल तुम मेरा ,
गरज पढ़ूं इन बादलों जैसा।
बारिश की पैदाइश मेरी ,
कुछ किरदार भी बारिश जैसा।

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21 SEP 2021 AT 11:47

खूबसूरत
जानती हूं खूबसूरत नहीं हूं मै,
पर जब वो मुस्कुरा कर देखता है तो,
खूबसूरती भी अपने आप महेसुस होने लगती हैं ।

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19 SEP 2021 AT 17:24

नक़ाब
समज से परे कुछ गहरे रिश्ते ,
दुनियां के नज़र में काफ़िर से है।
क्या पा लूं ,और क्या खो दू,
परदे खौंफ के कम नहीं हैं।
तौर तरीके दुनियां के निभाने लगीं हुं।
नकाबी दुनियां जीने लगीं हुं।
कौनसे रंग दिखा रही यह जिंदगी ,
क्या ग़लत ; और क्या है सही.....

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19 SEP 2021 AT 16:56

गुन्हागार

करती हूं तुमसे बेहद मोहब्बत ,
मगर नहीं लालच मुझे नेकी जमा करने की !
ए ख़ुदा तेरी गुन्हेगार ही सही l
जानती हूं में थोड़ी अच्छी तो हूं ;
पर जन्नत जाने के काबिल नहीं।

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