Shimankan Yadav   (सीमांकन यादव)
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Instagram- shimankan3
Banaras Hindu University
- Raebareli (U.P.)
Joined 24 July 2019


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- Raebareli (U.P.)
Joined 24 July 2019
20 FEB 2022 AT 18:34

ज़िन्दगी ख़ूबसूरत बहुत थी मगर,

तुमने आ कर इसे दोगुना कर दिया|

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4 NOV 2021 AT 13:29

पुस्तकों का संवाद

(कविता
अनुशीर्षक में पढ़ें!)

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22 AUG 2021 AT 19:16

राखी
हाथ अपने तू मेंहदी-महावर सजा,
घर का मौसम भी अपने गुलाबी सजा,
आ रहे भाई, भगिनि तेरे द्वार पर,
आज उनकी कलाई पे राखी सजा꫰
भाल रोली से,अक्षत से उनका सजा,
घृत के दीपक से अब आरती तू सजा,
चल रही है पवन,आ रही है महक,
उठ रसोई में थाली में मीठा सजा꫰
घर की देहरी पे सुंदर रंगोली सजा,
तन पे अपने रंगीली चुनरिया सजा,
अपनी रक्षा का भईया से वर आज ले,
झूम के आँगन में अपने सपने सजा꫰
वो तो लाये हैं पायल,चल पैर में सजा,
गीत राखी के अपने लबों पर सजा,
घूम जा-झूम जा बन के सावन छटा,
जैसे द्रौपदी के साथ काह्ना सजा꫰

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5 JUN 2021 AT 17:57

दिल की टहनी झुकी और बहार आ गई|
जैसे सावन की भीनी फुहार आ गई||

हमने सोचा कि कैसे मिलन हो कि तब,
खुशबुएं खिल उठीं और बयार आ गई||

बरखा में भीग कर हम थके थे बहुत,
स्वप्न में आई तुम और मलार गा गई||

एक दिन मुस्कुरा के मिली थी नज़र,
फिर हुईं बातें दो और लिलार भा गई||

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24 MAY 2021 AT 12:35

जो करते हैं नाटक आखों में ग्लिसरीन लगा के,

वो क्या जानेंगे असल ज़िन्दगी में रोने के मायने|

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17 MAY 2021 AT 20:33

बस एक बात अक्सर गले से उतरती नहीं है,

कि मेरी बर्बादी में तुम थे,ये बिसरती नहीं है꫰

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13 MAY 2021 AT 22:26

हमने सौंपी हैं क़लम को महकने की अदाएँ मगर,

ये तुम जैसों की नाक में दम भी कर सकती है꫰

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13 MAY 2021 AT 22:04

हम जहाँ हैं वहाँ तुम आकर तो देखो,

गर है हिम्मत क़लम उठाकर तो देखो꫰

हमसे बेहतर तुम्हें बनने की चुनौती है,

एक बार ख़ुद को आज़मा कर तो देखो꫰꫰

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13 MAY 2021 AT 7:17

बहुत भर आती हैं आँखें तो पलकें खोल देती है,

ये रोने का सलीक़ा है, हमें बारिश सिखाती है꫰

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10 MAY 2021 AT 21:59

ज़िन्दगी ने चिट्ठी को अपने बग़ैर लिख दिया꫰

जैसे किसी अपने को उसने ग़ैर लिख दिया꫰꫰

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