Sher Bahadur   (Yaadein Yaad Aati Hain)
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Joined 2 June 2020


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11 NOV 2023 AT 22:41

Happy Choti Diwali
To all of you 🪔🎇🪔

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2 JUN 2023 AT 0:56

अब खुल जाए,
तो ही बेहतर है।

क्योंकि दिल के दर्द
का तड़प कुछ ऐसी है,
कि अब मौत भी दस्तक देगी
तो कबूल है मुझे।

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31 MAY 2023 AT 22:15


हां वो शख्स, आम नही बहुत खास है,
तभी तो दूरियां इतनी है, फिर भी दिल के पास है।

कैसे बयां करूं हाल-ए-दिल अपना,
क्यों की ये महज इश्क नहीं एक एहसास है।

मोहब्बत कितनी है यह तुम तय कर लेना,
एक तरफा ही सही, लेकिन इश्क जितना भी है बेहिसाब है।

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27 MAY 2023 AT 2:19

जब टूट कर हम तुमको चाहने लगे,
मन ही मन तुमको अपना बनाने लगे,
ना जाने क्यू, अब तुमको हम बेगाने लगे।

जो कर लेते थे हम पर आंख बंद करके भरोसा,
न जाने क्यू, अब छोटी-छोटी बातों में वो आजमाने लगे।

तूने तो थामा था हाथ मेरा ज़िन्दगी भर के लिए,
न जाने क्यू, तुम हाथों में मेहंदी किसी और की लगाने लगे।

तैयार था में, तेरी मांग में सिंदूर भरने को,
और सारे रीति-रिवाजों को निभाने के लिए,
न जाने क्यू, तुम वो सात फेरे किसी और के साथ लगाने लगे।

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25 MAY 2023 AT 1:37


दर्द ऐसा दिया की,
गम में भी हम मुस्कुराने लगे।

लेकिन यकीन मानो,
मुस्कुराने में मुझे जमाने लगे।

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23 MAY 2023 AT 10:43

चाय एक बुनियाद है दो रिश्तो को मिलाने की,
चाय एक जज्बात है, किसी को अपना बनाने की।

कभी बिना चीनी और अदरक वाली,
तो कभी इलायची या यू कहे की बस आपके हाथ वाली।

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21 MAY 2023 AT 17:46

तुमको देखने से फुर्सत हो,
तो किसी और को देखेंगे हम।

लेकिन तुम दिल में, धड़कन में,
सांसों में, हर जर्रे में,
हर किस्सों में, हर जगह हो तुम।

अब बताओ भला,
किसी और को कैसे देखेंगे हम।

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19 MAY 2023 AT 2:00

सब जानते हुए भी,
वक्त बे वक्त आ जाती है उनकी याद।

मांगता कुछ नहीं,
बस करता हूं रब से यही फरियाद।

वो मेरी ना हो सकी वो अलग बात है,
जिसके भी साथ है, खुदा तुम रखना उसको आबाद।

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4 MAY 2023 AT 1:41

तन्हाइयों में जाकर जिंदगी को नहीं खोना है।

दुख-दर्द, गिले-शिकवे मिलते है तन्हाई में,
लेकिन तन्हाइयों में आकर,
किसी के लिए अब नही रोना है।

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3 APR 2023 AT 0:47

मद-मस्त हवाओं में,
तुम जुल्फें लहरा रही हो।

कौन है वो जिसके इंतजार में,
तुम ऐसे निहार रही हो।

शहर के आशिको को तुम,
क्यू ऐसे तड़पा रही हो।

मुददतों बाद ऐसे हुस्न का दीदार हुआ है,
खुदा कसम, तिरछी निगाहों से तुम,
सरे आम कहर ढा रही हो।

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