Shabnam choudhary   ('शब्द')
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Joined 4 April 2020


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8 MAR AT 14:54

स्त्रियां न नाम ढूंढती हैं
न ही काम ,
वे केवल चाहती हैं उन्हें
जो करे उनका सम्मान ,
अन्यथा ,क्यों ही बनती ये शिवरात्रि की कथा ?
क्यों ही कोई राजकुमारी वन - वन करती तपस्या ?
स्त्रियां भले ही होती हैं श्रृंगार की शौकीन
पर स्नेह के श्रृंगार से बढ़कर उनके लिए कुछ नहीं होता।
उनकी चमक प्रेम से है
उनकी खनक भी प्रेम से है ।

जहां शिव हैं -
वहां प्रेम है,
वहां स्त्रियां हैं ।

जहां खुशहाल स्त्रियां हैं -
वहां संपन्नता है ,
सौभाग्य है
और हर्षोल्लास है।

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3 MAR AT 12:17

बिना सुविधा और देखभाल के भी
कुछ फूल खिलते हैं,
और खुलकर जीते हैं जीवन...
इन्हें किसी सहारे की जरूरत नहीं होती
ना ही ये कभी ना निखरने के बहाने बनाते हैं,
ये किसी को रिझाने की भी कोशिश नहीं करते ,
बस उगते हैं,
खिलते हैं
और खुलकर जीवन जीते हैं...

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25 FEB AT 9:40

ये हँसी,ये खुशी,फूलों में रसी
सब कुछ सरकार तुम ही से है....🙏

मेरे सुख - दुख की रखते हो खबर
मेरी जुबां पे नाम तुम्हारा है,
इस दुनिया के पालनहार तुम्हीं
मेरे सिर पर हाथ तुम्हारा है...

ये हँसी,ये खुशी,फूलों में रसी
सब कुछ सरकार तुम ही से है...🙏


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25 FEB AT 9:04

सुनो बच्चियों!
खिलना बिल्कुल फूलों की तरह
खुलना बिल्कुल कलियों की तरह ,
डरना मत ! कभी कल की सोचकर
उड़ना बिल्कुल तितलियों की तरह ,
रंग -बिरंगी इस दुनिया में
जीना बिल्कुल अपनी तरह
ये धरती, अंबर ,हवा ,पानी
सब तुम्हारे लिए है
तुम इन्हें प्यार देना
ये तुम्हारा साथ देंगे.....

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25 FEB AT 8:44

जब पेड़ों से पत्ते झड़ने लगे
और डालियां सूखने लगे,
तो ,एक बार जरूर जाना उसके करीब
और देखना उसका धैर्य !
वो गिरता नहीं , न ही झुकता है
अडिग खड़ा रहता है
नए कोंपल और पत्तों की उम्मीद में......

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9 OCT 2023 AT 20:43

बहुत आसान है 'औरों' की
ज़िंदगी को 'आसान' समझ लेना
जो कि हमने जी नहीं होती है....

ज़रा नरमी से पेश आइए!
क्योंकि ऊपर से नज़र नहीं आता ,
कौन सा मन कितना थका !
हारा और टूटा हुआ है!

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30 AUG 2023 AT 18:29

के अब तू उड़ने के काबिल हो गई
अपने हिस्से का आसमां नापने की अधिकारी हो गई ,
जा अब देख ले तू क्षितिज का भी दृश्य
के अब तू जीवन के प्रतियोगिता की प्रतिद्वंद्वी हो गई...

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9 JUL 2023 AT 23:13

सजना!
तुम कुछ इसी तरह बसे हो मुझमें
जैसे बिखेर कर हाथों में खुशबू वाली हरियाली
मेंहदी दे जाती है गहरी लाली.....❤️💚


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9 JUL 2023 AT 9:16

जिस तरह सावन की हरियाली प्रमाण है वर्षण का,
उसी तरह मेरी मेंहदी की लाली प्रमाण है तुम्हारे प्रेम का......

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18 JUN 2023 AT 10:26

सागर से भी गहरा जिनका प्रेम होता है
आकाश से भी ऊंचा जिनका धैर्य होता है,
डिगते नहीं हैं जो तेज़ तूफान में भी
अतुल्य ,अद्भुत उनका नेह होता है,
वो कोई महात्मा या देवता नहीं
संसार का इकलौता पद केवल *पिता* होता है।

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