मुसाफिरखाने में तेरे।
कुछ देर ठहर जाने दे।
इक नींद है पल दो पल की।
लेकर सो जाने दे।
रिहाइश का किराया दे दूंगा मैं।
दो ख़्वाब,दो ख़्याल देकर चुका दूंगा मैं।
रखता नहीं कुछ उधार मैं।
साथ के साथ ही चुका दूंगा मैं।
तेरे ख़्वाबों के खटोले पर बैठ।
ख़्वाबों वाली नींद तुम्हें दूंगा मैं।
बस गुज़ारिश है मेरी तुमसे।
तुम चुपके से लेना नखरे न करना।
सुना है तुम्हारे नखरे।
मशहूर है इस मुसाफिरखाने में।
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