Seema Gupta  
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Post graduate
Working as Dy.Supdt.
Joined 21 May 2019


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Joined 21 May 2019
36 MINUTES AGO

सामना हो गया जब खुद से।
खुद को खंगाल लिया मैंने।
मैं कहां तक हूं ठीक ओर।

कहां पर मैं जा रहा हूं ग़लत।
मैं इस बात के आधार पर।
खुद में ठहरी बातों को।

सही करता जा रहा हूं।
मैं खुद का अध्यापक।
बनता जा रहा हूं।

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40 MINUTES AGO

वो गैर था।
क्या करती मैं शिकायत उससे।
अपना होता तो सौ सवाल करती।
सौ बातें सुनातीं ओर मुंह फुलाती।
लेकिन वो गैर था गैरों से कैसी शिकायतें।

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52 MINUTES AGO

मुसाफिरखाने में तेरे।
कुछ देर ठहर जाने दे।

इक नींद है पल दो पल की।
लेकर सो जाने दे।

रिहाइश का किराया दे दूंगा मैं।
दो ख़्वाब,दो ख़्याल देकर चुका दूंगा मैं।

रखता नहीं कुछ उधार मैं।
साथ के साथ ही चुका दूंगा मैं।

तेरे ख़्वाबों के खटोले पर बैठ।
ख़्वाबों वाली नींद तुम्हें दूंगा मैं।

बस गुज़ारिश है मेरी तुमसे।
तुम चुपके से लेना नखरे न करना।

सुना है तुम्हारे नखरे।
मशहूर है इस मुसाफिरखाने में।

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AN HOUR AGO

शकेबा वो शय है।
जिसे रखना आसां नहीं।

रख लिया जिसने उसे।
उससे ज्यादा बेशकीमती।

कोई ओर तोहफा नहीं।
वही जीत भी जाता है।

जिसने किया अंगीकार इसे।
जीत भी हासिल यूंही न होती।

शकेबा जैसी शय को।
रखा हो जिसने अपने पाले में।

रह जाता है केवल।
ये जीत का झंडा।

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4 HOURS AGO

दरवाजा बताता है।
मंजिल यही पर है।
ठहर जा ए मुसाफिर।
यही मुसाफिरखाने में।

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5 HOURS AGO

जीवन के साथ साथ हैं चली।
जीवन के बाद भी दे ग‌ई जीवन।
इस जीवन से जुड़े नातो को।
कोई कमी न छोड़ ग‌ई परवरिश में।
मां बाप की तरह साथ निभा गई।

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5 HOURS AGO

मेरा होना उतना मायने नहीं रखता।
जितना तुमसे बंधन मायने रखता है।
जीवन एक बंधन ही तो है।
आजादी तो जीवन का एक क्षण है।
हर पल आजादी जीवन नहीं है।

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6 HOURS AGO

अच्छा किया तुमने काजल लगाया।
तुम पर नजर रखने वालों को भी।
हो जाएगी खबर कोई तुम्हारे लिए भी।
उतार रहा है नजर तुम्हारी।

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6 HOURS AGO

मिलाता रहा मैं नयन उनसे।
ये धोखाधड़ी भी मंजूर रही।

मैंने सारी सांझ बिताई इंतज़ार में।
ये जुदाई भी क्या खूब रही।

हद इंतज़ार की इस कदर गुज़री।
बेहिसाब यादें बटोर ली उस इंतजार में मैंने।

मैं लड़ता रहा खुद से इस कदर।
खुद से खुद की जंग की क्या बात रही।

हर बार हम लड़ते रहे दूसरों से।
खुद से परिचय कर लूं ऐसी बात न हुई।

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6 HOURS AGO

सागर से तुम ओर मैं लहर लहर सी।
तुममें ही है ठिकाना मेरा तुमसे अलग नहीं वजूद मेरा।

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