Sarika Soni   (Sarika quotes)
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Joined 3 May 2019


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11 HOURS AGO

प्रिया उस दिन लिफ्ट से अपने रूम में
जा रही थी,तभी
अचानक से उसकी मुलाक़ात
इक़बाल से होती है।

दोनों में दोस्ती हो जाती है जो फ़िर प्यार
में बदल जाती है। लिव इन रिलेशन में रहते
रहते एक दिन प्रिया इक़बाल से शादी कर
लेने की बात करती है।
जो उसे मंजूर नहीं होती है क्योंकि
वो पहले भी कइयों
को धोखा दे चुका था,और अब प्रिया
को भी जान से मार देने का एक
रात प्लान बनाता है।

वह प्रिया के टुकड़े करके
जंगल में फेंक देता है
और लापता हो जाता है।कई दिन तक क्राइम
ब्रांच पुलिस गुत्थी सुलझाती रहती है।तब
सारी बात सामने आती है।ऐसे कांड
सुनकर रूह तक कांप जाती है
लेकिन अपराधी अपराध करना नहीं छोड़ता।

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1 MAY AT 17:45

कुछ यादें
कभी खत्म नहीं होती

हमेशा झड़ती रहतीं हैं
किसी पतझड़ की तरह

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30 APR AT 21:28

पीछे मुड़कर कभी देखने को जी
तो नहीं चाहता पर कभी कभी
अतीत से कुछ आवाज़ें शोर
मचाती हैं कानों में जिन्हें हम
ना सुनना चाहते ना समझना!!


अतीत पर पता नहीं क्यों मिट्टी
डालकर बस भाग जाना चाहते
हैं हम ये सोचकर कि आगे कुछ
जरूर हमारे लिए अच्छा होगा!!

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30 APR AT 14:30

दर्द क्या है दर्द किसे नहीं होता,
दर्द क्यों होता है कौन दर्द में रोता है।


दर्द सभी को होता है छुपाने वाले को भी,
और सामने दर्द बताने वाले को भी होता है।


दर्द चुपचाप आंसुओं के रास्ते बाहर आता है,
तो कभी जुबां से अपनी पीड़ा को बताता है।


मोहब्बत का दर्द इंसान कागज़ पर उकेरता है,
क्योंकि उसका दिल ये दर्द इससे ज्यादा सह नहीं सकता है।

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29 APR AT 21:27

जहां से चले थे वही आ गए हैं
शायद इसलिए कहते भी हैं
कि ये दुनिया गोल है.....

बचपन से शुरुआत करके
बुढापे तक इंसान पहुंचता है
और बुढ़ापा बचपन का ही
पुनरागमन होता है.....

बीज से पेड़ बनता है
फ़िर फल लगता है
और फल में बीज
होते हैं यही क्रिया
निरंतर चलती रहती है....

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28 APR AT 22:50

कभी जब तुम पर बेशुमार प्यार आया तो ,
खत की बातें भी कुछ गुलाबी हो गईं सनम...

जब कभी उदासी छाई रोने का मन हुआ तो,
खत में भी मायूसियत सी छा गई सनम...

कभी जब मौसम बदले पतझड़ सावन बसंत बहार,
तो खतों ने भी खुद में सारी वादियां समेट लीं सनम।

हमें तो बहुत शौक है यूं ही खत लिखने का,
काश ये सिलसिला यूं ही चलता रहे सनम...।

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28 APR AT 15:31



अब गुलाबों के बारे में
और क्या ही बोलें.....




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Caption



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28 APR AT 13:46

खूबसूरती की क्या परिभाषा दें
तुम्हें ......


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28 APR AT 13:06

गुलाब तो महज़ इक बहाना है सनम दरअसल ।
मुझे आपके खूबसूरत से दिल में जगह बनाना है।।

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27 APR AT 22:47

💜💜💜💜💜💜💜
आंखों में चुभ रहा है गम
इस गम से पता नहीं बाहर
कब निकल पाएंगे हम...

लगता है अश्कों के साथ
ही बह पाएगा ये गम
तभी हो पाएगा मेरा
ये दर्द_ए_दिल भी कम...


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