Sameer Singh   (S.S SINGH)
1.0k Followers · 2 Following

read more
Joined 27 April 2020


read more
Joined 27 April 2020
28 DEC 2021 AT 11:52

तुम्हारी उम्मीदों का क़र्ज़ अभी बाँकी है,
वक्त से थोड़ी और जंग अभी बाँकी है।
अधूरी नींदों के ख़्वाब सता रहे है मुझे,
लगता है देखना ही पड़ेगा,
इश्क़ के थोड़े और रंग अभी बाँकी है॥

-


14 MAY 2021 AT 22:49

लोटेंगे एक बार फिर से महफ़िल सजायेंगे,
पुराने यारों को बुला कर क़रीब बिठायेंगे।
टूटे दिल से सही पर जाम पे जाम छलकायेंगे,
तेरे बिना जी सकते है तुझे ज़रूर दिखायेंगे।।

-


13 MAY 2021 AT 23:15

एक दिन आएगा मैं मुँह मोड़ लूँगा,
उम्मीदें छोड़ ख़ामोशी ओढ़ लूँगा।
जितना मर्ज़ी तड़पा लो तुम मुझको,
रोने की वजह देकर पीछे छोड़ दूँगा।।

-


1 MAY 2021 AT 18:51

खामोशियों ने रोक रखा है बहते अश्क़ों को,
ज़िंदगी खुद की ख़ामियाँ छिपाने में लगी है।
हिसाब माँग लिया है ख़ुदा ने अपनी दुनिया का,
रूककर मौत उसकी क़ीमतें चुकाने में लगी है।।

-


21 FEB 2021 AT 4:20

लोग अक्सर पूछते हैं हमसे हमारी बेवफ़ाई का राज,
की क़ैसे हमने अपनी कहानी अधूरी छोड़ दी।
उनकी मोहब्बत की डोर हमेशा से रिवाजों से बंधी थी,
मजबूर थे क्या करते ,ज़्यादा खींच कर खुद ही तोड़ ली।
तरस आता है मुझे देखकर ऐसे खोखले रिश्तों का हुजूम,
बेबसी के मारों ने फिर से कायरता की कड़ी ज़ोड़ ली।।


-


31 DEC 2020 AT 16:32

ढलती शाम ने अलविदा कह दिया,
ख़्वाहिशों ने कदमों को थाम रखा था,
बढ़कर जश्न में शामिल हो गए हमभी,
मेरे सामने तेरे नाम का जाम रखा था।

-


25 SEP 2020 AT 13:45

आज यादों का गुबार सा फूटा है,
लगता है दिल एक बार फिर टूटा है,
छुपा रखे है आँशु मेरे यार ने आंखों में,
हँसकर बोलता है देख मेरा दामन सूखा है।
नियति ने खेल आज बख़ूबी खेला है,
हांथों में हाथ फिर भी दिल अकेला है,
गमगीन है मन,हर बढ़ता पल यहाँ रूखा है,
निवाला जाए भी कैसे,मेरा यार वहाँ भूखा है।।

-S.S.SINGH



-


11 AUG 2020 AT 18:27

जब खुदा ने पुकारा रूह को,
तब मौत का दामन थाम लिया,
राहत देदी लुढ़कते जिस्म को,
जिंदादिली से उन्होंने काम लिया।

-


3 AUG 2020 AT 2:42

दुनिया की हर ख़ुशी तुझे दिलाऊंगा मैं,
अपने भाई होने का हर फर्ज निभाऊंगा मैं।
जानता हूँ राखी नहीं आ पाई वक़्त से तेरी,
फिरभी आँशु पोंछ कर आज मुस्कुराउंगा मैं।।

-


2 AUG 2020 AT 17:02

उलझा था मोहब्बत की रेत में,
पानी की बूंद सा छान लिया तूने,
खोया भी,हंस कर रोया भी हर बार,
दोस्ती की डोर से बांध लिया तूने,
बिखर जाता उसदिन गर तू न होता,
गले लगाते ही सब जान लिया तूने,
ठोकर मार कर गिराने वाले कई थे,
झुककर मुझे हर बार थाम लिया तूने,
सांसों से कीमती कुछ नहीं मेरे पास,
दे दूँगा तुझे ये भी गर मांग लिया तूने।।

-


Fetching Sameer Singh Quotes