Sakshi Bhasin Tulsian  
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POET-TRY
Joined 5 February 2017


POET-TRY
Joined 5 February 2017
28 FEB 2019 AT 10:07

जंग से क्या मिलेगा ऐ इंसान
लड़ना है तो अपने आप से लड़
अपने पुण्ये और पाप से लड़
अपनी आत्मा अपने परमात्मा से लड़
अपने अंदर के अहंकार से लड़

कुछ नहीं मिला किसी को लहू बहाके
सिर्फ़ आँसू हाथ आए अपनो को गँवाके
बंजर ज़मीन सुनसान आसमान
ज़िंदगी और मौत से लड़ते जवान
जंग से क्या मिलेगा ऐ इंसान !

जंग से पहले जंग के बाद
पूछें सब एक ही सवाल -
इस जंग से पाया क्या गँवाया क्या ?
डोनो तरफ़ हाथ आया क्या ?
जीत के भी कौन जीता ?
डोनो वतनो पे क्या बीता ?

जीतना है तो अपने आप से जीत
अपने अतीत और उसके अंजाम से सीख
क्रोध और द्वेष की भावना मत रख
अहेम को कर भस्म
और अछे करम से जीत

जंग से क्या मिलेगा ऐ इंसान
शुरू करने से पहले उसके परिणाम से डर
और सिर्फ़ प्यार और अमन की कामना कर
जंग से क्या मिलेगा ऐ इंसान !
जंग से क्या मिलेगा ऐ इंसान !

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13 AUG 2020 AT 12:50

सच्चा साहस है अपने दोषों को पहचान लेना
पहचान के उनको अच्छे से जान लेना
दोष तो हैं अपनी ही ज़िंदगी का हिस्सा
क्यों उन्हें अपनाने से खा जाते हैं हम ग़ुस्सा ?

अजब हैं हम इंसान
अपने ही अंश से बने अनजान
घबराते हैं , कतराते हैं
अपने ही दोषों को नहीं अपनाते हैं ।

जो अपने दोषों को ना सही ग़लत में तोला,
जो अपने आप से कभी सच ना बोला,
कैसे समझ पाएँगे ज़िंदगी के माइने को ?
कैसे मुँह दिखाएँगे हम अपने आइने को ?

सच मानो तो सच ये है -
सच्चा साहस दोष पहचाने में लगता है
पहचान के उसको सवारने में लगता है
जो सवारा तो अपनी ज़िंदगी सवार लोगे
काटें निकाल के फूलों की बहार लोगे ।

थोड़ा साहस रोज़ दिखाओ
अपने आप को रोज़ बेहतर बनाओ
करो दोषों से दोस्ती,
और दोस्तों को सही रास्ता दिखाओ ।

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30 OCT 2019 AT 23:25

ये रिश्ते भी अजीब हैं
कुछ प्यार के, कुछ टकरार के
कुछ ख़ामोशी के तो कुछ इक्रार के ।

कुछ पास होकर भी दूर होते हैं
कुछ रिश्ते बहुत ही मजबूर होते हैं
हर रिश्ते का है अलग ही रंग
कुछ लाए उमंग , कुछ रहें तंग
पर तंग रह के भी वो रहें संग |

हर रिश्ते में है एक कहानी
कुछ जानी तो कुछ अनजानी
कुछ कहानियाँ पूरी तो कुछ अधूरी
अधूरी कहानियों की क्या है मजबूरी
ये रिश्ते भी अजीब हैं
कुछ प्यार के तो कुछ इंतज़ार के ।

कुछ हँसाते हैं तो कुछ रुलाते हैं
कुछ निभते हैं तो कुछ हम निभाते हैं
रिश्ते हैं ऊन के धागों की तरह
कुछ उलझते तो कुछ हम सुलझाते हैं !

ज़िंदगी में हर रिश्ते में काम नहीं होता
कुछ रिश्तों का कोई अंजाम नहीं होता
रूह को छूता है जो रिश्ता
उस रिश्ते का कभी कभी कोई नाम नहीं होता ।

क्यों देना है हर रिश्ते को नाम
नाम से ही है क्या रिश्ते का सम्मान ?
गुमनामी में भी है एक पहचान
ना नाम मिले तो क्या है वो बदनाम ?

ये रिश्ते भी अजीब हैं
कुछ सम्मान के ; कुछ बलिदान के
कुछ मोहब्बत के ; कुछ इंतेकाम के
हर रिश्ते का है एक परिणाम
कुछ ज़िंदगी दें तो कुछ ले लेते हैं जान ।

ये रिश्ते भी अजीब हैं |
ये रिश्ते भी अजीब हैं |

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3 SEP 2019 AT 2:12

कर्म या क़िस्मत
किस तरफ़ मोड़ें हम अपनी रथ ?
कृष्ण बोले कर्म
और पंडित बेचें क़िस्मत ।

क़िस्मत कहाँ करे वफ़ा
आज करे प्यार तो कल हो जाए ख़फ़ा
कर्म ही है जो रहे सदा साथ
सुख या दुख ना छोड़े कभी हाथ ।

अपने पे कर विश्वास
नाकी क़िस्मत पे लगा कोई आस
जो तेरे हाथों में है ज़ोर
तो क्यों क़िस्मत और कुंडली से बने कमज़ोर ।

क्यों बैठे हो हाथ पे हाथ धरे
ये सोचे के सब कुंडली करे
पर कमाल की बात देख प्यारे
के कुंडली पड़ने वाला तो अपना कर्म करे ।

ना कर कुंडली ना कर क़िस्मत
बस लगा अछे करमों की लत
सदा रख मेहनत को प्रथम
और तोड़ दे ये क़िस्मत का भ्रम ।

क़िस्मत है अनदेखा फंदा
और कर्म उड़ता परिंदा
ना बाँधना कभी इसको फंदे में;
उड़ने दो गिरने दो ; गिर के सम्भालने दो
उड़ना है इसका कर्म ; नाकी क़िस्मत इसका धर्म ।

क़िस्मत और कर्म का है अजब रिश्ता
कर्म करने वाला अपनी क़िस्मत लिखता
ना भूल के क़िस्मत भी तभी चमके
जब कर्म किए हो जमके ।

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4 AUG 2019 AT 14:55

Life is liveable
When friends are lovable
Having Friends like family is goodness a tonne
Caring for those, is my life’s mission number one

From start to end,
Friends are there to defend,
No matter what we do or become they treat us the same,
Those friendships I know will outlast our fame.

Admist all relations, knowns or just friends
Pretensions are many, reality seldom trends.
In the world of farce & facade, how does one stay true, away from getting burdened?
Such things happen when judgement is thrown out & True Friendship is earned.

These are not gained over transaction or strengthened overnight,
They happen to you and then you nurture with selfless love for life.

Immense love and gratitude to my friends
And to our friendship from now till the end.

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26 JUN 2019 AT 14:59

जिंदगी क्या है -
एक सफ़र जिसमें कोई कसर ना हो,
एक कहानी जिसका कोई अंत ना हो,
एक पहेली जो हम सुलझाते रहें,
या एक सहेली जिसके संग हमेशा जाते रहें ।

ज़िन्दगी क्या है -
बचपन में जल्दी बड़े होना चाहें,
बड़े होकर हमेशा बचपन याद आए,
फिर अपने बच्चों के साथ जब वापस बचपन आए,
तो इस बार कभी ना बड़े होना चाहें ।

ज़िन्दगी क्या है -
सर्दियों में गरमी की धूप को तरसती है,
गरमियों में उसी सूरज से डरती है,
बारिशों में सड़कों पे भीगना चाहे,
और फिर उन्ही सड़कों पे ट्रैफिक से घबराए ।

हम चलते रहे; ज़िंदगी कटती रही,
सालों निकलते गए;ज़िंदगी उलझती रही,
लोग आते गए ; कारवाँ बड़ता गया,
सब सिखाते गए ; मैं सीखता गया ,
इस ज़िंदगी की दौड़ में रिश्ते जुड़ते गए,
कुछ पाता रहा कुछ खोता गया ।

दिन महीने साल गुज़रते गए ,
बहुत अच्छे गुज़रे ; कुछ बुरे,
बहुत देके गए ; कुछ लेके,
मैं सपने देखता गया ; मंज़िल दिखती गयी,
हौंसले बड़ते रहे ; मुश्किलें घटती रहीं,
मैं तो बस चलता रहा ज़िंदगी कटती गयी ।

और हर बार अपने से एक ही सवाल पूछता गया -

ज़िंदगी क्या है ?
एक अफ़साना या एक फँसाना ?
एक जंग या गहरी सुरंग ?
प्यार या टकरार ?
जीत या हार ?

लेकिन फिर भी सवाल एक ही रहा -
ज़िंदगी क्या है ?

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5 OCT 2017 AT 9:06

सपनों की कश्ती को रोक ना ऐ दोस्त,
नदी के किनारों पे ही रह जाएगा,
समंदर तक पहुँचने की इच्छा तो रख,
समंदर ख़ुद तेरे पास चला आएगा !

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23 SEP 2017 AT 18:54

आप जो हमसे अलग हुए तो सह ना सकेंगे,
सच कहें तो इस दुनिया में रह ना सकेंगे,
हमारे लिए हमारी दुनिया सिर्फ़ आप हैं,
हमारी दुनिया सिर्फ़ तब तक है जब तक इस दुनिया में आप हैं !

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17 AUG 2017 AT 14:05

दूसरे पे ऊँगली उठाने वाले,
पहले ख़ुद की पहचान तो धूँड ले,
दूसरों से जवाब माँगने से पहले,
ख़ुद से सवाल तो पूछ ले !

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17 JUL 2017 AT 18:08

रिश्ते उस ऊन के स्वएटर की तरह होते हैं,
जो एक धागा अटकते ही खिंच जाते हैं,
चाहे दुनिया के सामने आप स्वएटर को बचा लो,
पर उसमें पड़ीं गुठाने सिर्फ़ पहने वाले को दिखतीं हैं !

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