श्रीरामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
आर्यावत हुआ है धन्य, पधारे हैं अवध में रघुराई,
सारी नगरी सजी पुष्पों से, बाजी हर घर है बधाई,
श्रीराम के आगमन मात्र से, मानो तृप्त हुई है धरा,
शंखों की ध्वनि गूँज रही, गूँजे है ढोल और शहनाई,
ये दशों दिशाएँ हैं आतुर, कौशल्यानंदन के दर्शन को,
कैसे धरे संयम कोई, कैसे थामे तीव्र हृदय स्पंदन को,
रघुवीर के कंधे सजने को कोदण्ड भी आकुल है जैसे,
संपूर्ण ब्रह्मांड कर जोड़े खड़ा श्रीरामलला के वंदन को,
सुधबुध खोए, राम में रमे हम, राम में ही शरण पाते हैं,
राम में रमे है सृष्टि सकल, राम नाम से सब तर जाते हैं,
रमणीक न कोई राम सा, राम सा मनोहर न कोई दूजा,
श्रीहरि, आपके बाल्य रामरूप पर सब बलिहारी जाते हैं,
हर्षोल्लास है चहुँ ओर, तारणहार जो मृत्युलोक पधारे हैं,
एक नारा है सबका, हम हैं श्रीराम के और श्रीराम हमारे हैं।
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