saanjh.   (Saanjh.)
249 Followers · 41 Following

Let your soul wander....❣
Joined 12 June 2020


Let your soul wander....❣
Joined 12 June 2020
26 OCT 2023 AT 10:36

Life was complicated...
People were complicated...
Situations were complicated...
So, I simplified myself😁☺️😊❤️!!!

-


26 AUG 2023 AT 13:57

वो बचपन की मासूमियत मानो अज़िय्यत हो चली है..
बेसुकुन और बदहवास सी तबीयत हो चली है...।।

कितने बदकिस्मत होते हैं न मासूम लोग भी। कोई भी अपना उन्हें पल में निराश कर जाता है। दिल तोड़ जाता है। और उनकी मासूमियत फ़िर भी ऐसे लोगों को मु'आफ़ करती रहती है।
खुद के लिए जीना, अपनी हसरतों को त्वज्जोह देना, न जाने कब सीखेंगे ये लोग।
वक्त के थपेड़े इन्हें कितना ही क्यों न सता लें, एक मासूम नन्हा सा दिल फ़िर भी सीने में रख कर घूमते हैं। कब इस मासूमियत का गला घोटना सीखेंगे?? कब इस मासूम धड़कते दिल को पत्थर बनाना सीखेंगे?
ख़ैर, जब तलक नहीं सीखेंगे, बदनसीब ही रहेंगे।।

-


11 MAY 2023 AT 9:42

Sometimes u pick urself..after you've lost..
For the things that matter, must come at a cost..

Sometimes you hold tight, etching every detail in ur memory..
But as time slips..all memories lay frost..

Sometimes u r all done and dusted for better..
Still ahead lay a road..with no destiny or a host..

Will u pick up again or lie there forever..??
Your mind says u must..but heart knows the most..🧡🔥

-


5 MAY 2023 AT 23:55

कि जैसे अंधेरों में, शरारा बन गई है..
तेरी तस्वीर मेरा, सहारा बन गई है..

-


10 APR 2023 AT 13:00

ज़िंदगी के ठहराव में, क्या तुम भी ठहर पाओगे..मेरे साथ...
कुछ कदम बेसबब यूं ही, क्या तुम भी चल पाओगे.. मेरे साथ!

शायद गीली सी मेरी हंसी लगे तुमको
और खारा सा अंदाज़ ..
शायद धूप तीखी लगे कभी या चुभने लगे
मेरे आंगन का आफताब..

फिर भी मेघ सा ढक कर, ये नीला आसमां..
अब्र सा बरस पाओगे.. मेरे साथ..
ज़िंदगी के ठहराव में, क्या तुम भी ठहर पाओगे..मेरे साथ...!!

-


27 OCT 2022 AT 19:47

टूट कर बिखर चुकी हूं मैं...
अबके जो जुड़ जाऊंगी,
पत्थर बन जाऊंगी...!

-


18 OCT 2022 AT 12:18

यूं भी तो कोई मुस्कुराता होगा...
कि बस! सुकून भर जाए भीतर तलक!!

-


3 OCT 2022 AT 12:46


राधा: कान्हा, प्रेम में इतना दर्द क्यों है?

कान्हा: राधिके! सब प्रेम ही के कारण है।
तुम चाहो तो इसे दर्द की भांति
महसूस कर लो या प्रेम की
दुर्लभ अनुभूति।
यही तो हृदय को निर्मल करने
वाली धारा है। यदि, ये है
तो निश्चय ही तुमने प्रेम किया।
और मैं हूं न। तुम्हारे हर दर्द,
हर सुख का भान मुझे तुमसे
अधिक है। भरोसा रखो,
तुम्हारे लिए मैं सब उत्कृष्ट
ही करूंगा।

राधा: 😊😊😊🧡

-


24 SEP 2022 AT 20:01

क्या सफ़र है जो ख़त्म ही नहीं होता,
एक सांझ और गुज़र गई, बेतरतीब सी.....

-


15 SEP 2022 AT 15:23

मैंने वो ख़ुद में देख लिया या उसकी आंखों में ख़ुद को..
मालूम नहीं क्या हुआ है पर अब होश नहीं हैं मुझको!!!

ये कागज़ और स्याही के रिश्ते सा नाता लगता है..
मेरा बदन अब बस उसका, उसका ही ख़ाका लगता है!!
में एक चिट्ठी बन गई हूं और वो लिफ़ाफा लगता है..
कोई हरसू बस मेरी तरफ़, बस मेरी तरफ़ ही आता है..

क्या बात कही, क्या कह रही हूं, कैसे बतलाऊं तुझको !!
मालूम नहीं क्या हुआ है पर अब होश नहीं हैं मुझको.....!!!

-


Fetching saanjh. Quotes