वो तो यहीं बैठी है मेरे एकदम पास बस मंज़र धुंधला है सो नज़र नहीं आ रही -
वो तो यहीं बैठी है मेरे एकदम पास बस मंज़र धुंधला है सो नज़र नहीं आ रही
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खूबसूरत चेहरों से भरा पड़ा है ये शहरपर जब उस एक चेहरें पर काली बिंदिया सजती है तो प्रतीत होता है कीमानो, दिनकर ने भी काली दुशाला ओढ़ ली हो -
खूबसूरत चेहरों से भरा पड़ा है ये शहरपर जब उस एक चेहरें पर काली बिंदिया सजती है तो प्रतीत होता है कीमानो, दिनकर ने भी काली दुशाला ओढ़ ली हो
जिसे जगह दी सिरहाने पर उसका नींदें चुराना लाज़मी थाजागा वो पहले, सो हमें जगाना लाज़मी था -
जिसे जगह दी सिरहाने पर उसका नींदें चुराना लाज़मी थाजागा वो पहले, सो हमें जगाना लाज़मी था
हम निकम्मे आशिक थे तुम्हारी आशिकी हमें रोजगार सी भा गई -
हम निकम्मे आशिक थे तुम्हारी आशिकी हमें रोजगार सी भा गई
नश्वर तो काया है, मैंने तो तुम्हें मन में जगह दि हुई हैतुम तो मेरे विचारों में हो -
नश्वर तो काया है, मैंने तो तुम्हें मन में जगह दि हुई हैतुम तो मेरे विचारों में हो
truth has many sidesBut truth is considered true only thenWhen the person telling it has no hidden selfishness -
truth has many sidesBut truth is considered true only thenWhen the person telling it has no hidden selfishness
किस तरह अदा करेंगे आपका कर्ज आपने हमें उस इश्क़ से नवाजा है जिसके शायद हम क़ाबिल भी नही थे -
किस तरह अदा करेंगे आपका कर्ज आपने हमें उस इश्क़ से नवाजा है जिसके शायद हम क़ाबिल भी नही थे
तुम पूर्णिमा की मध्य रात्रि कि हसीन स्वप्न की तरह होजिसे सूर्योदय से बैर व, रात्रि से प्रगाढ़ स्नेह -
तुम पूर्णिमा की मध्य रात्रि कि हसीन स्वप्न की तरह होजिसे सूर्योदय से बैर व, रात्रि से प्रगाढ़ स्नेह
आ लौट चले उस दौर मेंजहां गिरने पर घाव तन को लगती थीमन को नहीं -
आ लौट चले उस दौर मेंजहां गिरने पर घाव तन को लगती थीमन को नहीं
बरसों से दिल बोझिल है चंद अल्फ़ाज कहने कोपर कयामत यह है की बयां कर देने से कहींकयामत न आ जाए -
बरसों से दिल बोझिल है चंद अल्फ़ाज कहने कोपर कयामत यह है की बयां कर देने से कहींकयामत न आ जाए