Rishikesh Chandel   (R Chandel)
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19 MAY 2023 AT 13:01

मेरा कहना है की अब हम चीजों को जमीनी स्तर से नहीं देखते समझते हैं. हम सब वही देखते हैं जो प्रायोजित होता है मसालेदार होता है या ग्लैमरस होता है. तो अगर मेरा पूछा जाये तो पहले आप बताओ की JNU क्या है?? आप देखेंगे सुनेंगे जानेंगे तो पायेंगे की ये वो है वो हम खुद आज से 5 साल पहले ही देख और समझ चुकें हैं. दूसरी बात कुंठा की है की लोग JNU में पहुंचने की काबिलियत नहीं रखते हैं तो JNU पर सवाल उठाते हैं तो ठीक है हम हैं कुंठित. जब JNU के बड़े बड़े शिक्षाविद पढ़ा रहें हैं बता रहें हैं 5000 हज़ार साल पहले के सिद्धांतो के बारे में और उनसे आज के लोग भी कुंठित हो रहें हैं तो हम तो सब भेद भाव वर्तमान में देख और भुगत रहें हैं तो क्यूँ न हो कुंठित. और लिस्ट की बात है तो हम पहले ही कह चुकें हैं की अगर JNU का IAS IPS और ब्यूरोक्रेट्स ही तैयार करना ध्येय है तो वो हमारा थर्ड class MU, PU, JP यूनिवर्सिटी भी अच्छे से कर रहा है. तो फिर बस JNU को ही  एक्स्ट्रा फैसिलिटी क्यूँ?

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28 JUN 2022 AT 15:45

Crystal Eyes...A vision having spark at every angle.

Crystal Eyes... See the Sparks at every point.

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16 JUN 2022 AT 15:54

#अग्निपथ
सरकार के अग्निपथ योजना का विरोध एक साजिश है बस इस आशय से की ये सरकार की नाकामी है रोजगार के सन्दर्भ में. इस योजना को ढंग से जाने बिना शुरू हो गये फिर से आंदोलनजीवी.
खैर अभी जबरदस्ती का विरोध है.
इसके समाधान में मेरा एक सुझाव है की सरकार अग्निपथ से जुड़े युवाओं को सेवामुक्ति के बाद दूसरे नौकरी में अधिकतकम उम्र में 2-3 वर्षों की छूट दे दे. तब तो सबकी शिकायत दूर हो जानी चाहिए.
ऋषिकेश चंदेल.

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13 JUN 2022 AT 17:52

मैं हर दिन पूजा पाठ नहीं कर पाता हूँ यह मेरी कमजोरी है लेकिन इसका यह मतलब नहीं की पूजा पाठ ढोंग है.
मैं सनातन का पूरी तरह पालन नहीं कर पाता यह मेरी मजबूरी है लेकिन इसका यह मतलब नहीं की मैं विधर्मी हूँ.
मैं धर्म पर ज्यादा बात नहीं करता इसका यह मतलब नहीं की मैं धर्म विरोधी हूँ.
मैं हर रोज मंदिर नहीं जाता इसका ये मतलब नहीं की मैं नास्तिक हूँ.
कैप्शन में पढ़ें.....
अहिंसा अच्छा धर्म है लेकिन धर्म की रक्षा के लिये हिंसा भी स्वीकार्य है. कुछ मूढ़ो को पहले स्पष्ट कर देता हूँ की धर्म की रक्षा के लिये हिंसा और धर्म के प्रसार के लिये हिंसा में अंतर समझ कर अपना वक्तव्य दें.
ऋषिकेश चंदेल.

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15 MAR 2022 AT 17:35

Life begins with atom then a cell...then evolution leads organ system then body formation. It's okk.
A mind also develops It's okk too. But this is the destructive ideas and thoughts that emerge in mind and these again lead the system towards premature destruction and finally at the initial stage I.e again at atom.

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15 MAR 2022 AT 15:23


Most people are selfish by nature themselves.
Many of the rest are forced to be selfish for the sake of peace....
And then the rest are the luckiest.

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15 FEB 2022 AT 10:14



Just reading the Words is not enough.
To realize something..
You must have a beautiful mind to think.
A kind heart to feel and
A Great will to take decision.

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28 JAN 2022 AT 17:16


अगर आपके पास शक्ति और समृद्धि है तब तो आपके लिये सबसे अच्छा इस देश का संविधान है !!!
और अगर आप गरीब और कमजोर हैं तब तो संविधान में दिए अधिकारों अवसर समानता या न्याय इन सब के लिये लड़ना आपके लिये विधि का विधान है.

तो बोलो संविधान जिंदाबाद...

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26 JAN 2022 AT 12:02

भारत के 73 वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।

मां भारती हम क्षमाप्रार्थी है कि हम भारत को एक आदर्श गणतंत्र बनाने में अब तक पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाए हैं। हम क्षमा प्रार्थी हैं कि हमारे हृदय में राष्ट्रीयता की भावना उदासीनता की चादर ओढ़ कर बैठ गया है। मातृ भूमि हम क्षमा मांगते है कि हम बस अपने स्वार्थ में सीमित होकर बस दूसरों से ही राष्ट्रीयता की उम्मीद करने के आदि हो गए हैं। हम क्षमा चाहते हैं कि हम अपने संस्कार और त्याग की भावना को बरकरार नहीं रख पाए रहे हैं।
लेकिन माँ भारती हम संकल्प लेते हैं कि हम अपनी भूलों को सुधारेंगे, हम राष्ट्रीयता की भावना को अपने हृदय में कायम रखेंगे। हम एक आदर्श गणतंत्र की स्थापना करने का पूरा प्रयत्न करेंगे।।

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5 JAN 2022 AT 11:07

कोरोना का इलाज़ आ गया है क्या अपील के रूप में?
मैं जनता की तरफ उन नेताओं से पूछता हूँ जो अपनी रैलीयों के दौरान कोरोना संक्रमित हो गये हैँ और फिर निर्लज्जता से अपील करते हैं की जो लोग भी इनके संपर्क में आये हैं वो कोरोना टेस्ट करवा लें...जैसे की इनकी अपील कोरोना का इलाज़ हो. फिर दुबारा निर्लज्जता से कहते हैं इनके संपर्क में आने वाले लोग की खुद को आइसोलेशन में रखे. अरे नेताजी क्या आपको पता हैं की आपकी रैलियों में आने वाले कितने लोगों के पास ऐसे घर हैं जिसमें वो एक कमरा खुद के अकेले आइसोलेशन के लिये रख सकें. आप तो ऐसे बोलते हैं जैसे कोरोना के इलाज़ के लिये कमा कर दे दिए हों जनता को या फिर खुद के तरह आलिशान घर मकान बनवा कर दे दिए हो और रैलीयों में आमंत्रित करते हो.
आपको क्या बस मुँह हैँ और बोल दिए बेहूदगी के साथ कोरोना टेस्ट करवा लो आइसोलेशन में रखो इलाज़ करवा लो. मैं सारी गरीब जनता की तरफ से चुनाव आयोग से अनुरोध करता हूँ की जो भी नेता अपनी रैलीयों के दौरान कोरोना संक्रमित हों उनपर उनकी रैलीयों के भीड़ के अनुपात में जुर्माना लगाया जाये. ये लोग आम जनता को बस कीड़ा मकोड़ा नौकर से ज्यादा कुछ नहीं समझते.
मैं सारी जनता से अपील करता हूँ की ऐसे नेताओं की रैलीयों में जाने से रोकिये क्यूंकि ये कभी दुःख में साथ देने नहीं आयेंगे बस अपील करेंगे और किसी के मर जाने पर संवेदना व्यक्त करेंगे.

ऋषिकेश चंदेल.

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