अब वो बात नहीं होती, जो पहले होती थी, वो मुलाकात नहीं होती , जो पहले होती थी , वो इंतेज़ार , वो इकरार भी नही रहा, न जाने कहाँ खो गया , अब वो प्यार भी नही रहा ।।
तुम्हें न समझे तो , किसे समझें ? तुम्हें न चाहे तो , किसे चाहें ? इतना ना सोंच , बस लग जा गले , सुन मेरी दिल की धड़कन , और खुद कर फैसला..... के, तू मुझे न चाहे , तो किसे किसे चाहे ?