क्या गुजरी है इसपे,
सुनके एहसास ए वफ़ा ,
उसकी मोहब्बत ये मुझसे।
क्यों कह न सके तुम ,
जब रूबरूँ हम थे ।
क्यूँ दूरियाँ इस कदर है,
जब तेरी आरज़ू में हम है ।
दिल से पूछो,
क्या गुजरी है इसपे।
वो लम्हा जिसकी,
उम्र भर तलाश थी,
आज कामिल है ,
मगर वो कहा पास है।
मिटा दो बंदिश,
एक पल, क़रीब आओ।
मैं जी लूँ तुमको जी भर के ,
ना यूँ मुझको तरसाओ ।
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