Ravikant Dushe   (Ravi)
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Engineer by Profession Poet by heart
Joined 19 July 2020


Engineer by Profession Poet by heart
Joined 19 July 2020
AN HOUR AGO

क्या मांगू खुदा
देखकर आसमान से
सब कुछ तो लुट चुका हैं
मेरा इस जहान में

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2 HOURS AGO

नहीं सुहाते तुम्हारे चेहरे पर उदासियों के घेरे
कह दो न तेरे हर मर्ज का इलाज है पास मेरे

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3 HOURS AGO

पहचान हुई जबसे हमे चेहरो के नकाब की
ख्वाहिशें सारी मर गई किसी के साथ की

कदम कदम पर हमेशा धोखे ही मिले
होती नहीं कदर यहाँ किसी के जज्बात की

अब नहीं करते हम किसी से गुजारिशे
किस को है सुध यहाँ मेरे हालात की

अच्छी लगने लगी हमे सोहबते तन्हाई की
जब अकेलेपन मे हमने खुद से मुलाकात की

शोर नहीं यहाँ कोई बस सुकून है
खामोशी ने कितनी मेरी मुश्किलें आसान की

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4 HOURS AGO

सब समझ का फ़ेर हुआ है
तभी जिन्दगी मे अंधेर हुआ है

मैं समझता रहा जिसे अपना
वो तो कब से मुझसे गैर हुआ है

उसने मुझे समझा ही नहीं
तभी उसका मुझसे बैर हुआ है

उसे देखे बिना मुझे चैन नहीं
ये परिंदा रोज उसकी मुंडेर हुआ है

चाहतों के इस सफ़र में
कब अंधेरा सबेर हुआ है

खाली हाथों की ये दुनियाँ
कौन है यहाँ जो कुबेर हुआ है

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7 HOURS AGO

नहीं कोई उम्मीद किसी से मैं खुद से ही हारा हूँ
में कहता हूँ तुझे अपना पर क्या में तुम्हारा हूँ

जिन्दगी भर एक अपने कि तलाश रहीं
कोई मिला नहीं कितना बेसहारा हूँ

कौन आयेगा आँखों के पनघट पर भरने पानी
टूटा हुआ तिलिस्म हूँ सूखा हुआ किनारा हूँ

दो पल का साथ भी मुश्किल है मिलना यहाँ
मैं आसमाँ से टूटा हुआ कोई तारा हूँ

बड़ी मुश्किल से जिन्दगी कटती है यहाँ
दुनियाँ का सताया हुआ खुद का ही मारा हूँ

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8 HOURS AGO

मैं सलाह नहीं परवाह रखता हूँ
तू खुश रहे यहीं चाह रखता हूँ

तू न जाए कभी अंधेरे रास्तों पर
में हर पल तुझ पर निगाह रखता हूँ

फूल बिछाता हूँ तेरे कदमों पर
तेरे लिए सजाकर खुशी की राह रखता हूँ

तुझे दोस्त कहा है अब तू गैर कहाँ
में तेरे गमों में दिल मे आह रखता हूँ

तू ही सुबह तू ही शाम तू ही जिन्दगी मेरी
में तुझसे मोहब्बत बेपनाह रखता हूँ

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9 HOURS AGO

जिन्दगी कब किसी की आजाद रहीं
जो पूरी न हुई वही फ़रियाद रहीं

रोज नए पहलू तलाश लेती है जिन्दगी
रोज नए सिरे से इजाद रहीं

एक बड़ा हिस्सा जिन्दगी का गमों में गुजारा है
अब खुशी मिल भी जाए तो कहाँ वो बात रहीं

अच्छा कर के भी यहाँ बुरा क्यूँ होता है
ये सवालों मे उलझी रहीं कब ज़वाब रहीं

मैं खुद के अंदर जब भी झाँककर देखता हूँ
मुझे खुद से ही बहुत शिकायत रहीं

जब भी कोई मिला जो अपना सा लगा
लगा ये जिन्दगी हसीन सौगात रहीं

कुछ यादे साँसों के साथ ही खत्म होंगी
जिन्दगी चाही अनचाही यादों के बारात रहीं

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11 HOURS AGO

सिर्फ कहते नहीं हम कर दिखाते है
एक वादे को निभाते हुए मर जाते है
थामा है हाथ कभी न छोड़ने के लिए
अब हम तेरे सिवा किधर जाते है
एक वादे पर जाँ निसार करते है
उम्र भर उसी मोड़ पर ठहर जाते है
झुके रहेंगे सर तेरी इबादत मे
गम नहीं अगर ये सर कट जाते है

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11 HOURS AGO

खुशी मिली है इन दिनों बहुत
डरता हूँ किसी की नजर न लगे
वो एक लम्हा न बीते कभी
अब कोई उजली सहर न लगे
खो जाऊँ मैं उसमे इस तरह
दुनियाँ को इसकी खबर न लगे
रहे उसकी हमेशा इनायत मुझ पर
वो मुझसे कभी बेखबर न लगे

Good Morning !!
Care and Take Care !!

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18 HOURS AGO

दिल मे बसाकर दिल से लगाने वालो को
छोडकर नहीं जाते कभी अपना बनाने वालो को

रखते है जो तुझे महफ़ूज़ अपनी पलकों पर
दिल तोडना आता नहीं दिल जोड़ने वालो को

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