Ravi R Sharma   (Ravi R Sharma)
231 Followers · 59 Following

Poet and story teller
Engineer
Sangeet premi
Joined 14 March 2018


Poet and story teller
Engineer
Sangeet premi
Joined 14 March 2018
7 APR 2022 AT 14:03

वो जो अर्जुन का पार्थ हे
वो जो सीता का राम हे
वो जो हे ऋषि मुनियो का ज्ञान
वो ही तो धर्म का अवतार हे

हे विष्णु तुम क्रोध में परशुराम हो
शांत होके सिद्धार्थ हो
तुम्हारी महिमा अपरंपार हे
तू कण कण में विराजमान हे

छल से भी जो करे छल
कोरवो का तोड़ बल
तुम सूक्ष्म हो तो तुम ही विशाल हो
तुम द्वापर में श्री कृष्ण तो त्रेता में राम हो

-


14 FEB 2022 AT 13:59

क़तल करे तू बड़े प्यार से
ना तीर ना कोई तलवार से
आँखों या नाज़रो की धार से
ओझल करे तेरी ये बोली
अफीम मिला मुस्काना में तेरी
बेरंग को भी रंगीना तू कर दे
हर लम्हे को हसीना तू कर दे
कायल तेरी अदाओ का में
आशिक़ बना इन निगहाओं का में

-


6 JAN 2022 AT 14:22


बहुत ही गहरी बात हे
न जाने कितने युवाओ के साथ हे
जग से जिसने बोला था
वो खुद से भी जो बोले हे

अंजान नहीं अब यहाँ कोई इस बात से
सबको धोखा देके खुद भी धोखे में रह के
झूठ बोले वो खुद ही अपने आप से
ना समझ ना समझे इस बात को
मुर्ख बनता अपने आप को

-


23 DEC 2021 AT 21:49


जैसे अँधेरे का रौशनी से मिलान हुआ
वक़्त कुछ थम सा गया
जब खुद में खुद को ढूंढ रहा
उम्र बीत गयी जान ने में खुद को
अंत मेरा मिटटी ही तो था

-


22 DEC 2021 AT 21:32


मुश्किल था तो साथ निभाना
बदलता हे वक़्त भी
बदलता हे जमाना
ऐसे में मेरा तेरा होना भी
आसान नहीं था

-


19 DEC 2021 AT 14:16

बड़ा ही रंगीन रहा ये नज़ारा
कुछ रंगो ने रंगो का साथ छोड़ दिया
गैरो की बात करते हो तुम यहाँ तो
अपनों ने भी अपनों का साथ छोड़ दिया
हम बदल कर देखते भी क्या
हमने तो खुद को ही छोड़ दिया

-


4 NOV 2021 AT 10:36

जला दो दीप चारो ओर
अवध में राम आये हे
रहे न अन्धकार किसी छोर
अवध में राम आये हे

-


16 OCT 2021 AT 14:40

भीड़ खड़ी हे देखने को देहेन
कह कर मुझको रावण
मंज़र ये मेरे अंत का
हर चौक हर चौराहे पर
पुतला स्वरुप ये मेरा तुमने
रावण जला तो दिआ ,
परन्तु मन में जो ये पाप हे
बुद्धि में जो ये अन्धकार हे
रावण स्वरुप भीतर तेरे बसा तेरा ही तो काल हे
उसको कैसे जलाएगा उसको कैसे मिटाएगा

-


26 SEP 2021 AT 15:45

खुद को झंझोड़ता इंसान ,
सीने में दबाये फिरता जस्बात
बढ़ाता रहता अपना मानसिक तनाव
और चेहरे पर लिए झूठी मुस्कान
तनाव ज़िंदगी में हो तो इंसान तोड़ दे
तनाव रिश्ते में हो तो रिस्ता तोड़ दे

-


16 JUL 2021 AT 8:19

तू जितना भी बटोर ले ,
चाहे कर्मो को टटोल ले
तेरा पल पल का हिसाब
ना टाल सका है कोई काल
एक दिन सब नष्ट हो जायेगा
महादेव के तांडव में

पैदा होते ही तेरे
पीछे पड़ जाता है काल
जरिये जुड़ते जायेगे
नजदीक आजायेगा काल
ये ही तो जीवन मरण का चक्र है
फिर किस बात का अभिमान
एक दिन सब नष्ट हो जायेगा
महादेव के तांडव में

-


Fetching Ravi R Sharma Quotes