नही जाना कही पर भी ,,,किसी से भी नही मिलना ना अच्छे लोग लगते है ,,, कुछ अंदर रोग लगते हैं मोहब्बत भी नहीं भाती ,,, हसीं भी अब नहीं आती किसी आमद की सरगोशी,,,किसी की मौत का किस्सा ना अंदर बैन उठाता है ,,, ना मुझको खौफ आता है हर एक दस्तक से कह दो अब यहां ,,,कोई नही रहता जहा बैठा हूं रहने दो ,,, मुझें यहां से नहीं हिलना किसी से नही मिलना ।।
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