जिंदगी हसरतों का एक ठिकाना है..
आने जाने का यहां ’सिलसिला पुराना है..
किसे खबर नहीं मौत मंजिल है ’मगर...
सभी को जिंदगी में ’कुछ कर दिखाना है..
वफा नहीं करते ’अब तो अपने भी..
ये जानते हुए ’हमें सभी को अपनाना है...
यहां हर कदम पर ’गम मिलेंगे तुम्हें..
कठिन संघर्षों से हीं ’खुशियों का तानाबाना है...
किसको पड़ी हैं ’यहां इंसानियत निभाने की ...
छोड़ो अपनों को,पहले खुद को आजमाना है...
कोई ख्वाब टूटे भी तो हारना नहीं है प्यारे..
नए उम्मीदों की किरण से "माथे पर तिलक लगाना है..
दुश्मनों से भी करनी है मोहब्बत..
दोस्तों से तो खैर ’हमारा जमाना है..
बेहोशीयों का खुमार चढ़ेगा दिल पर तुम्हारे..
झिंझोड़ कर ’खुद को फिर तुम्हें जगाना है..
सबकी अपनी अपनी सच्चाई है ,सबके अपने झूठ..
खुद को ’आदमीयत से इंसानियत की ओर ले जाना है
देखो ’सुकून की नींद सुलाने की खातिर ..
तुम्हें बेशक कड़ी धूप में ’खुद को तपाना है..
समंदर से भी गहरा रहस्य है ये जीवन..
चाहें जो कुछ भी कर लो ,कुछ तो छूट हीं जाना है..
विनय प्रभु की करते रहो सदा तुम...
उन्हीं की चरणों में मोक्ष का आशियाना है..!
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