राहिनी कवयित्री   (ऋचा सिंह भदौरिया)
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Joined 23 February 2022


Joined 23 February 2022

पर्व शिवरात्रि का,
औऱ लगन हमारी,
चढ़ जाय !

❣️
मेरे सोलह वर्ष के,
उपवास शिवरात्रि के !

❣️
सोलह वर्ष के सावन,
उपवास सार्थक हो जाय !

❣️
ठाकुर साहब आप शिव से,
औऱ मैं शिवांगनी आपकी,
हो जाऊं !

-



प्रेम प्रकट,
पत्र में होना !

❣️

औऱ प्रतीक्षा,
में सब्र होना !

❣️

प्रेम की एक,
विशेष कड़ी है !!

-



पहले ख़ुद,
गुस्सा करेंगे !

फिर बच्चों से,
बन जाएंगे !

ये मेरे,
ठाकुर साहब,

भी न,
कारनामे !

गजब गजब,
के ढाएंगे !!

-



बनारस से,
केदारनाथ तक,
साथ ठाकुर साहब,
के आऊँगी !


पहले मेरे,
सोलह सोमवार,
औऱ सोलह साल के,
शिवरात्रि उपवास !


तो पूर्ण करके,
मुझे फल में,
साथ तो उनका,
दे दो भोले !!

-



एक ही दिन में पुराना सब,
ख़ुद से छूटने का दर्द !

😕

औऱ नया बहुत,
कुछ प्राप्त करने की खुशी !

😊

एक स्त्री को ही,
उसके जीवन मे प्राप्त होते है !!

-



मैं कवियत्री हूँ,
मुझे समझना,
इतना भी,
आसान नहीं !


❣️

मेरे अर्थ ही,
अनेक है,
तुम्हारा उलझना,
ठीक नहीं !!

-



जब प्रेम में दूरियां हो,
तो दर्पण की आवश्कता होती है !

❣️

वरना पिया की आँखों में,
स्वयं की छवि देख इठलाना !

❣️

प्रेम के अनेक स्वरूपों में से,
यह एक महत्वपूर्ण स्वरूप है !!

-



हिज़ाब विवाद में लिखा,
तो योर कोट बाबा ने ब्लॉक कर दिया !

पहले सोचा नहीं लिखूंगी अब कुछ,
पर अंदर की कवियत्री मर ही नहीं रही थी !!

-


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