®️rûpâlî ®️   (@_Poetic__girl)
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Joined 31 March 2020


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10 JUN 2022 AT 13:00

एक खूबसूरत सी शाम हो
जहां, केवल हम दोनों हो
दोनों के चेहरों पे एक सुकून हो

दुनिया से बेखबर,
नजरों से नजरों का मिलन हो
एक ऐसी बेहतरीन मुलाकात हो

एक ऐसी खूबसूरत सी शाम हो
जहां, केवल खुशियों का ही फरमान हो
जिस पल सिर्फ और सिर्फ हम हो

इंतजार है, उस शाम का
जहां, केवल हम दोनों हो
सुकून के साथ साथ खुशनुमा एहसास हो

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17 MAY 2022 AT 22:22

तुम ना जरा काला रंग कम पहना करो,
सफेद रंग से दिल हारते हो,
काले रंग से होश उड़ाते हो
मतलब क्या है,
अब मैं तुम्हें बोलूं भी नहीं
काले रंग में, उफ्फ क्या लगते हो तुम
मैं खुद को संभाल भी लूं,
औरों का क्या?
सबकी नजरों को कैसे नजरबंद करूं
लाल की जगह,
काले रंग का धागा बांध, घर से निकला करो
घर से हमेशा नजर उतरवा कर ही आया करो
जानती हूं मैं,
ये तुम्हारा पसंदीदा रंग है
कभी तो मेरी बात मान लिया करो
हो सके तो,
तुम ना काला रंग जरा कम ही पहना करो

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1 FEB 2022 AT 12:12

देखो.... हवाओं का रुख बदलने लगा
हर तरफ इश्क़ का खुमार चढ़ने लगा

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1 FEB 2022 AT 12:05

पन्नों के बीच में दबे फूल और इनके सुगंध,
अक्सर ही अतीत में ले जाती है

उपहार में मिले चूड़ियों की आवाज,
हमेशा ही,
बीते वक्त के खूबसूरत पल की याद दिला ही देती है।।

खास तो तुम्हारा नाम अभी भी है,
जो तुम्हारा नाम सुनते ही,
होठों पर दबी सी मुस्कुराहट आज भी आ जाती है।

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28 JAN 2022 AT 13:09

चिट्ठियों को बस कोरे पन्ने पर ही नहीं लिखा जाता था...
उसके एक एक शब्द को पूरे दिल से जोड़ा जाता था!!

चिट्ठियों का इंतजार करना भी एक अलग ही सुकून देता था...
अक्सर चिट्ठियां भीगे आंखों से ही पढ़ा जाता था!!

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5 JAN 2022 AT 11:02

क्यूं ना एक बार इश्क का महाभारत किया जाए
कोई रणनीति काम ना आए,
ऐसा झुमकों से चक्रव्यूह बनाया जाए

बिंदी तो बस शांतिदूत का भूमिका अदा करें
बाकी तो ये पायल अपने झंकार से पूरी रणभूमि ही लूट ले जाए

दिल के हाल तो ना जानूं मैं,
बस एक बार चूड़ियों के खनक से उन्हें भ्रम में डाला जाए

बस एक बार नजरों से दांव तो खेला जाए
इश्क़ के महाभारत में कत्ल तो बिना खंजर के ही हो जाए

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2 DEC 2021 AT 16:15

इस भीड़ भरी दुनिया में,
कहीं खो जाना है
अपने ख्वाबों के शहर में,
एक नया आशियां ढूंढना है
ना ढूंढ पाए कोई मुझे,
कहीं दूर छिप जाना है
खूबसूरत जगह में,
सुकून की तलाश में जाना है

अपनी ही दुनिया में,
कहीं खो जाना है
आजाद परिंदों की तरह,
बेखौफ उड़ना है
अटल पहाड़ों की तरह नहीं,
हवाओं की तरह मदमस्त बहना है
तारों की तरह ठहरना नहीं,
नदियों की तरह निरंतर बहना है

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3 NOV 2021 AT 8:50

जो तुम्हारा नहीं उसे जाने दो
अतीत के पन्नों को,
कभी वर्तमान पर हावी मत होने दो

वो कश्ती का साथ छोड़ दो,
जिसका कोई किनारा नहीं
कैसा भी परिस्थिति हो,
खुद को ढाल लो

जो अपना है,उसे संभाल लो
जो तुम्हारा नहीं,
उसकी चाह रखना छोड़ दो

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1 SEP 2021 AT 13:43

मेरे हर लफ्ज़ में जिक्र मेरा ही रहता है
दिन हो या रात, चेहरे पर हर दफा एक सुकून रहता है

मुझे ऐतबार है खुद से इश्क करने पर,
मेरा किरदार हमेशा, मुझे मेरे अक्श में ही दिखता है

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9 AUG 2021 AT 8:50

ये कीमती लम्हें हैं, इन्हें मत गवाओं
हर लम्हें को खुलकर जीयो

उतार चढ़ाव से खुद का हौसला टूटने मत दो
हर एक पल को नए तरंग के साथ जियो

माना जिंदगी उलझी हुई है
इसे अपने हिसाब से सुलझाओ

वक्त का पहिया कहां रुकता है,
इसलिए हर पल को महसूस कर,
अपने लिए यादगार बनाओ

कभी भी चेहरे से ये कीमती मुस्कुराहट मत जाने दो
अपने आज को सुकून से खुलकर जीयो

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