आज कल सच्चे रिश्तों को मोल नहीं मिलते है,
अनमोल समझ कर जिनको सींचता रहा उम्र भर,
वोही भरोसे को यहां कुचले हुए चलते है...
ढूंढ लेते है लोग यहां
हर रिश्तों का substitute को,
नई आशा नई सोच जब जिंदगी में खिलते है,...
लेकिन अफसोस....
उन दौरान ये अनमोल रिश्ते
अपने दम तोड़े मिलते है।।
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