इक मामूली सा ख़्याल हूँ,कभी आऊँ, तो मुस्कुरा देना..इक अनसुलझा सवाल हूँ,ना सुलझा.... तो भुला देना.. -
इक मामूली सा ख़्याल हूँ,कभी आऊँ, तो मुस्कुरा देना..इक अनसुलझा सवाल हूँ,ना सुलझा.... तो भुला देना..
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रखना तुम सबर यारा, मुकम्मल सारे ख़्वाब होंगे...ज़िन्दगी के जैसे सवाल होंगे, वैसे तुम्हारे जवाब होंगे.. -
रखना तुम सबर यारा, मुकम्मल सारे ख़्वाब होंगे...ज़िन्दगी के जैसे सवाल होंगे, वैसे तुम्हारे जवाब होंगे..
बुरे वक़्त में भी जो तुमसे जुदा ना हो...ग़ौर से देखना उसे, कहीं वो ख़ुदा ना हो.. -
बुरे वक़्त में भी जो तुमसे जुदा ना हो...ग़ौर से देखना उसे, कहीं वो ख़ुदा ना हो..
जुदा से वो और मुख्तलिफ़ अंदाज़...कुछ इस तरह हुआ दिन का आगाज़... -
जुदा से वो और मुख्तलिफ़ अंदाज़...कुछ इस तरह हुआ दिन का आगाज़...
कितनी अहमियत है मेरी,वक़्त बेवक़्त बताया करो..जो ग़र मोहब्बत है मुझसे,हर वक़्त जताया करो... -
कितनी अहमियत है मेरी,वक़्त बेवक़्त बताया करो..जो ग़र मोहब्बत है मुझसे,हर वक़्त जताया करो...
वक़्त की नहीं, ये दिल की बात थीमैं दूर सबसे, हर पल तुम्हारे साथ थी...मुझे तोड़कर बिखेरकर चले गए तुममैं गुड़िया थी इक, कमज़ोर काठ की... -
वक़्त की नहीं, ये दिल की बात थीमैं दूर सबसे, हर पल तुम्हारे साथ थी...मुझे तोड़कर बिखेरकर चले गए तुममैं गुड़िया थी इक, कमज़ोर काठ की...
मेरा घर.......मेरा घर कोई जगह नहीं...एक प्यारी याद है बस...जो निकल आए हैं रोज़ी कि तलाश में,घर कि याद ही उनके हर पल साथ है बस...मेरे घर के आँगन में वो आम का पेड़..उसके फलों का ही याद मुझे स्वाद है बस...मेरे घर आते मेरे सारे दोस्तों की ही...मुझे याद हर मुलाक़ात है बस..सुकून के कुछ पल फिर दे जाए मुझे..कोई फिर मेरे यादों के घर ले जाए मुझे..दादी माँ मेरी फिर लोरी सुनाए मुझे...मेरी माँ फिर खाना खिलाए मुझे...मेरा घर कोई जगह नहीं...एक प्यारी याद है बस..ये याद.. हर पल.. हर जगह..मेरे साथ है बस..... -
मेरा घर.......मेरा घर कोई जगह नहीं...एक प्यारी याद है बस...जो निकल आए हैं रोज़ी कि तलाश में,घर कि याद ही उनके हर पल साथ है बस...मेरे घर के आँगन में वो आम का पेड़..उसके फलों का ही याद मुझे स्वाद है बस...मेरे घर आते मेरे सारे दोस्तों की ही...मुझे याद हर मुलाक़ात है बस..सुकून के कुछ पल फिर दे जाए मुझे..कोई फिर मेरे यादों के घर ले जाए मुझे..दादी माँ मेरी फिर लोरी सुनाए मुझे...मेरी माँ फिर खाना खिलाए मुझे...मेरा घर कोई जगह नहीं...एक प्यारी याद है बस..ये याद.. हर पल.. हर जगह..मेरे साथ है बस.....
चलता रहा मुसलसल मैं... तमाम उम्र इंतज़ार में या रब रास्ते ने थकाया भी बहुत, मंज़िल का होने भी नहीं दिया -
चलता रहा मुसलसल मैं... तमाम उम्र इंतज़ार में या रब रास्ते ने थकाया भी बहुत, मंज़िल का होने भी नहीं दिया
मंज़िलों को पार होते देखा, सफ़र बेशुमार होते देखाइक सलीकेदार झूठ ने, सच को तार तार होते देखा -
मंज़िलों को पार होते देखा, सफ़र बेशुमार होते देखाइक सलीकेदार झूठ ने, सच को तार तार होते देखा
ढल रही शाम, बोझिल आँखें लिए हूँ..ज़िंदगी काटने, बस चंद साँसें लिए हूँ..नाम मेरा क्या था, क्या थी पहचान..भीड़ में गुम, अधूरी मुलाकातें लिए हूँ ..रिश्ते सब झूठे, खोखली वफ़ा रही..दगा था सच्चा, कागज़ी वादे लिए हूँ..किसीने गिराया, किसीने रुस्वा किया..सबने भुलाया, मैं बस यादें लिए हूँ...अब हो खत्म, थमे ये सिलसिला..थक गई हूँ, गैरों की सौगातें लिए हूँ.. -
ढल रही शाम, बोझिल आँखें लिए हूँ..ज़िंदगी काटने, बस चंद साँसें लिए हूँ..नाम मेरा क्या था, क्या थी पहचान..भीड़ में गुम, अधूरी मुलाकातें लिए हूँ ..रिश्ते सब झूठे, खोखली वफ़ा रही..दगा था सच्चा, कागज़ी वादे लिए हूँ..किसीने गिराया, किसीने रुस्वा किया..सबने भुलाया, मैं बस यादें लिए हूँ...अब हो खत्म, थमे ये सिलसिला..थक गई हूँ, गैरों की सौगातें लिए हूँ..