Praveen Singh   (Praveen Singh)
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Joined 16 December 2018


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Joined 16 December 2018
26 FEB AT 20:31

क्या थी गलतियां मेरी क्या कसूर हमारा था
मिजाज़ तुम्हारे बिगड़े दिल तुम्हारा आवारा था

मुझे क्यूं तोड़ ले कर गए थे बताओ साथ अपने तुम
दिन तो तुम्हारे अच्छे थे किसी ने तुम्हें पुकारा था

ये जो कुछ कर रहे थे तुम ज़रा तो फिक्र कर लेते
थोड़ा खैर करते तुम मुझपर हक़ तुम्हारा था

मुझे तो थी ख़बर आख़िर के मेरा क्या हीं होना है
प्यार तो था नही मुझसे मैं तो बस सहारा था

मुझे तुम छोड़ जाते थे ये जिस इंसान के हाथों में
वो जाते हीं तेरे कचरे में मुझको फेंक जा रहा था

अब बस हुआ प्रवीण ना लो अब इम्तिहां मेरी
पूछा आज गुलाबों ने के हमने क्या बिगाड़ा था ..।।

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12 JAN AT 6:32

एक वक्त खर्च करने होते हैं
तब कहीं जाकर एक दोस्त मिलता है
वो जो हुबहू आपके जैसा नही होता
पर आपका होता है ...

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8 JAN AT 19:11

आज़ाद होना चाहता हूं
इस घुटन से
जो सांसे तो देती है
पर सुकून नही देती ...

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28 DEC 2023 AT 21:41

हां थोड़ा करती हूं
इससे इनकार नही करती
वो कहती है ज्यादा कुछ
मैं सच में यार नही करती
हां एक बिंदी थोड़ी काजल
थोड़ी लिपस्टिक लगाती हूं
बस इतना बहुत होता है
और सिंगार नही करती
यूं घंटो बैठना आईने के आगे
मुझसे यार नही होता
इसका ये भी नही मतलब
मैं खुद से प्यार नही करती
मैं जैसी हूं मैं पसंद मुझे
मेरी सूरत मुझको भाती है
सादा जीवन मुझे प्यारा है
नखरे मैं यार नही करती

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18 DEC 2023 AT 3:45

बातें करते समझते एक दूसरे को जरा पढ़ सकते थे
ये सही - गलत से आगे भी शायद तब बढ़ सकते थे

हर हकीकत से तो यूं वक्ति रूबरू हम भी थे
तुमसा मिजाज़ रखते तो हम भी झगड़ सकते थे

ख्वाइश थी मगर मेरी रिश्तों को बांधे रखने की
यूं तो एक लम्हा था काफ़ी सब उजड़ सकते थे

फ़ैसला फिर तुमने किया मुझसे अल्वीदाई का
वादों की दर पर खड़े वरना हम मुकर सकते थे

मेरी मोहब्बत तुम्हें शायद क़फ़स सी जिंदगी लगी
खैर ये सोच तुम्हारी है हम क्या हीं कर सकते थे

अब दिखा रहे हो तुम मुझे अफ़सोस के आंसू
तुम्हें ज़रा इल्म भी है क्या उस हादसे में हम मर सकते थे

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14 NOV 2023 AT 12:09

...

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12 NOV 2023 AT 1:51

वो किसी की आंखों में
कैद होना चाहती है
जिसे कोई
तस्वीरो में कैद करना चाहता है...

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10 NOV 2023 AT 1:00

किसी ने मुस्कुराहट छिना है
तो उसपर पलटवार होना चाहिए
तुम होते हो क्यू दुखी
यार उसे तुम्हारे लिए रोना चाहिए ..

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8 NOV 2023 AT 21:29

जिसमें तुम्हारी मर्ज़ी से नही
मेरी मर्जी से तुन्हारे चेहरे बदलेंगे
जिसमें तुम कैद हो
एक वक्त से
एक वक्त के इंतज़ार तक ....


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28 OCT 2023 AT 21:22

केह दिया करो लफ्जों से
जो भी तुम्हे कहना हो
नही आती समझ
मुझे ये तेरी ख़ामोश बातें...

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